सनातन धर्म की परंपरा के मुताबिक, पूर्वजों को मोक्ष दिलाने के लिए प्रसिद्ध मोक्षस्थली गया में इन दिनों पिंडदान के बाद सुफल देने वाले गयापाल पंडा ही पिंडदान कर यहां की पुरानी परंपरा निभा रहे हैं।