27 अगस्त को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट(Supreme court) ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। दरअसल भगोड़े कारोबारी माल्या (Vijay Mallya)ने सुप्रीम कोर्ट के नौ मई 2017 के उस आदेश पर पुनर्विचार के लिए याचिका दायर की थी, जिसमें उसे न्यायिक आदेशों को दरकिनार कर अपने बच्चों के खातों में चार सौ मिलियन अमेरिकी डॉलर स्थानांतरित करने पर अदालत की अवमानना का दोषी करार दिया गया था।