Railway Ministry

Railway: रेलवे के इस ट्वीट में एक वीडियो देखने को मिल रहा है। ये वीडियो ऑटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट का है जिसमें रेलवे ने ये बताया है कि अब आधुनिक ऑटोमेटिक आधुनिक तरीके से कोच की सफाई की जाएगी। इस तकनीक के सहारे न केवल कोच को धोने की प्रक्रिया में लगने वाले समय बल्कि पानी की भी बचत होगी।

इस प्रोटोकॉल के मुताबिक ट्रेनों का स्टॉपेज और डेस्टिनेशन दोनों ही राज्यों से सलाह मशवरा कर तय किया जाएगा। ट्रेनों में एंट्री, टिकट और कोच के भीतर मिलने वाली सुविधाओं के संबंध में रेल मंत्रालय विस्तृत जानकारी सभी को देगा।  राज्य सुनिश्चित करेंगे कि सभी यात्रियों की उचित तरीके से स्क्रीनिंग की जाए।

भारतीय रेलवे के मुताबिक, वह प्रवासी मजदूरों को उनके राज्य पहुंचाने के लिए मजदूरों को टिकट नहीं बेच रहा, ना ही उनसे किराया वसूल कर रहा है।बल्कि, यह किराया राज्य सरकारों से वसूला जा रहा है। भारतीय रेलवे राज्य सरकारों से इन मजदूरों को उनके गृह नगर तक पहुंचाने के लिए कुल लागत का सिर्फ 15 प्रतिशत मानक किराया वसूल रहा है।