मोहन भागवत ने कहा कि समाज और देश के परिप्रेक्ष्य में इस भाव को सबके दिमाग में डालना चाहिए। ये सभी मूल्य हमारे धर्म में हैं। इसमें कोई दो राय नहीं है। मोहन भागवत ने अहिंसक, करुणा, लचीलापन और मजबूत होने पर भी अपनी बात रखी। मोहन भागवत ने पहली बार हथियार रखने के बारे में बयान दिया है।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि शरीर छोड़ने के बाद इसका मोह क्यों करना। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को किसी से अंग मिला है, उनको समाज के लिए उपयोगी काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऋषि और कई मुनि ने अपने प्राण छोड़कर शरीर और अस्थियां दी थीं।
मोहन भागवत ने आरएसएस की बैठक में ये भी कहा कि कांग्रेस, सपा या बीएसपी की विचारधारा वाले संघ विरोधी लोगों को भी हम साथ लेकर चलेंगे। सभी को आरएसएस की विचारधारा से जोड़ने की कोशिश जारी रहेगी। मोहन भागवत ने कहा कि आरएसएस के स्वयंसेवक समाज में बदलाव के लिए काम कर रहे हैं।
Politics: एमएलसी बनने से पहले, प्रोफेसर तारिक मंसूर ने छह साल (7 मई, 2017 से 2 अप्रैल, 2023 तक) के प्रभावशाली कार्यकाल के लिए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के कुलपति के रूप में कार्य किया।
दत्तात्रेय होसबाले ने अपील की है कि मणिपुर में सभी पक्ष आपसी भरोसे में आई कमी को दूर करें। उन्होंने कहा कि भरोसे की कमी से ही वहां हिंसा हो रही है। दत्तात्रेय होसबाले ने कहा है कि मैतेई लोगों में असुरक्षा की भावना है और कुकी समुदाय में वास्तविक चिंता है। दोनों की इन दिक्कतों को दूर करके ही मणिपुर में हिंसा रोकी जा सकती है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले मोदी सरनेम मामले में उनको सूरत के कोर्ट से 2 साल की सजा हुई। इस सजा की वजह से राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द हो गई। अब राहुल गांधी के खिलाफ महाराष्ट्र के भिवंडी कोर्ट में एक और केस की सुनवाई शुरू हो गई है।
मोहन भागवत पिछले काफी समय से सक्रिय हैं। वो हिंदू एकता की बात करते रहते हैं। यहां तक कि वो भारत में हिंदू और मुसलमानों के बीच प्रेम और सद्भाव के लिए भी कोशिश करते रहे हैं। मोहन भागवत ने तमाम मुस्लिम धर्मगुरुओं से भी पिछले साल मुलाकात की थी। समाज को एकजुट करने की वो कोशिश करते रहते हैं।
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि सनातन आ रहा है कहा जाता है, लेकिन सनातन कहीं गया नहीं था। उन्होंने कहा कि सनातन हमेशा है। हमारा दिमाग आजकल सनातन की तरफ जा रहा है। प्रकृति ने ऐसी करवट ली कि हर किसी को सनातन की तरफ करवट लेना होगा। जैसे कोरोना के कारण काढ़ा का महत्व पता चला।
मोहन भागवत पहले भी हिंदू और मुसलमानों के बीच तनाव को कम करने की कोशिश करते रहे हैं। भागवत ने पहले दिल्ली में इमाम काउंसिल के प्रमुख से मुलाकात भी की थी। उन्होंने एक मदरसे में जाकर वहां बच्चों से भी बातचीत की थी। मोहन भागवत के इन कदमों का मुस्लिम वर्ग के तमाम लोगों ने स्वागत भी किया था।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर आरोप लगता है कि उसके यहां महिलाओं को जगह नहीं दी जाती। हालांकि, दुर्गा वाहिनी के नाम से आरएसएस की महिला शाखा है, लेकिन आरएसएस की शाखाओं में महिलाओं को देखा नहीं जाता। अब महिला विरोधी होने के आरोपों का जवाब देने की तैयारी आरएसएस ने की है।