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BJP IN UP: बीजेपी इस बार के लोकसभा चुनाव में बड़ा आंकड़ा हासिल करने के लिए तमाम रणनीति बना रही है। पीएम नरेंद्र मोदी ने बीजेपी के लिए 370 लोकसभा सीटों पर जीत का लक्ष्य भी तय कर दिया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सबसे अहम यूपी है। यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं।

Yogi Cabinet Expansion: अभी योगी सरकार में सीएम को मिलाकर 18 कैबिनेट, 14 राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार और 20 राज्यमंत्री यानी कुल 52 सदस्य हैं। इस तरह अभी योगी सरकार में 8 मंत्रियों की और नियुक्ति की जा सकती है। इसके अलावा मंत्रीमंडल विस्तार से लोकसभा चुनाव की रणनीति भी सेट होगी।

RLD In Rajya Sabha Election: बीजेपी ने 8वें प्रत्याशी के तौर पर अपनी पार्टी के पूर्व राज्यसभा सांसद संजय सेठ को मैदान में उतार दिया। इससे अब वोटिंग की नौबत आ गई है। अगर बीजेपी की तरफ से अखिलेश यादव के खेमे में ठीक से सेंधमारी हो जाती है, तो समाजवादी पार्टी को दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।

Samajwadi Party And Ram Temple: बीते दिनों अखिलेश यादव के चाचा और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने मीडिया से कहा था कि वो नेता विपक्ष (अपने भतीजे) से कहेंगे कि पार्टी के विधायकों को अलग से राम मंदिर ले जाने की व्यवस्था करें।

Jayant Chaudhry: सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने जयंत चौधरी की आरएलडी को 2 लोकसभा सीटों का ऑफर दिया है। इसके अलावा राज्यसभा की एक सीट और अगली बार मोदी सरकार बनने पर मंत्री पद के अलावा यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार में भी 2 मंत्री बनाने का भरोसा दिया है।

RLD On Alliance With BJP: जयंत चौधरी की पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि जो पार्टी जनता और किसानों के हित में आरएलडी की मांगों पर सहमत होगी, उसके साथ गठबंधन में चुनाव लड़ेंगे। यानी अखिलेश यादव और इंडिया गठबंधन को यूपी में अब झटका लग सकता है।

UP: रविकांत चड्ढा वरिष्ठ वकील हैं सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस करते हैं। इसके अलावा चौधरी चरण सिंह (भारत के पूर्व प्रधानमंत्री) द्वारा स्थापित किसान ट्रस्ट की ट्रस्टी भी है। वह एशिया पैसिफिक ज्यूरिस्ट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष भी हैं।

Mayawati In I.N.D.I.A:दरअसल, मायावती लगातार कहती रही हैं कि बीएसपी अपने दम पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कांग्रेस और सपा को लगातार निशाने पर भी रखा, लेकिन हाल ही में मायावती ने ऐसी बात कही थी, जिसकी वजह से लग रहा था कि वो बीएसपी को विपक्षी गठबंधन का हिस्सा बनाना चाहती हैं।

मंथन के लिए 5 दिसंबर को जयंत चौधरी ने लखनऊ में आरएलडी के नेताओं की बैठक बुलाई है। खास बात ये है कि जरूरी काम बताकर जयंत चौधरी ने इंडिया गठबंधन की शुरुआती बैठकों में हिस्सा भी नहीं लिया था। अखिलेश यादव के बाद अब जयंत चौधरी भी इंंडिया गठबंधन को झटका दे सकते हैं।

आरएलडी के चीफ जयंत चौधरी को लेकर खास तौर पर चर्चा हो रही है। इसकी वजह ये है कि पटना में जब विपक्षी दलों की बैठक हुई थी, तो जयंत चौधरी ने जरूरी काम बताकर उसमें हिस्सा नहीं लिया था। अब दिल्ली संबंधी बिल पर जब विपक्ष को एक-एक वोट की सख्त जरूरत थी, तब भी जयंत चौधरी राज्यसभा में नहीं दिखे।

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