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Ayodhya: साल 1989 में विश्व हिंदू परिषद की धर्म संसद में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान राम के गुना आदर्श शिक्षाओं आदि का बखान किया था। जहां उन्होंने कहा था की राम सिर्फ एक मर्यादा पुरुषोत्तम नहीं है वह सिर्फ एक भगवान नहीं है राम सिर्फ एक वीर, पराक्रमी योद्धा नहीं है जिसने रावण को हराया था।

Mohan Bhagwat: अयोध्या में राम मंदिर पर हमले का विशेष रूप से जिक्र करते हुए, भागवत ने कहा, "अयोध्या में राम मंदिर पर हमला उसी इरादे से प्रेरित था। हालांकि भारत को बाहरी आक्रमणों का सामना करना पड़ा, लेकिन हमारे शासकों ने कभी भी विदेशी धरती पर हमला नहीं किया। हमलों के बावजूद मंदिर, भारतीय समाज का सामाजिक ताना-बाना, आस्था और लचीलापन अटूट रहा।

नागपुर के एक संस्थान म अगली पीढ़ी की चिकित्सा सुविधा के उद्घाटन के बाद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत ने नए पहलुओं पर ज्ञान हासिल कर दुनिया से साझा किया। उन्होंने कहा कि देश पिछले 20 साल से बहुत तरक्की कर रहा है। भारत ने बहुत अच्छी गति हासिल की है।

Mohan Bhagwat Reaction Palestine Deaths: ' निसंदेह यहां दूसरे धर्मों के लोगों को भी वही इज्जत प्रदान की जाती है, जो कि हिंदुओं को की जाती है। हमारे देश में हर संप्रदाय के लोगों के साथ समान व्यवहार किया जाता है। किसी के भी साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव स्वीकार्य नहीं है।

Mohan Bhagwat: जेवियर अब कम्युनिस्ट बन गई और उसकी इस विचारधारा के लिए उसका स्कूल जिम्मेदार है। जिस स्कूल को जेवियर की शिक्षा के लिए मैं हर साल $50000 दिया करता था। 

मोहन भागवत ने कहा कि हिंदुस्तान हिंदू राष्ट्र है। अगर इस मातृभूमि में एक भी व्यक्ति हिंदू है, तो भी ये हिंदू राष्ट्र है। मोहन भागवत ने ये भी कहा कि संघ पूरे हिंदू समाज को संगठित करने के अलावा कुछ और नहीं करेगा। उन्होंने आरएसएस के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि पूरी दुनिया में भारत माता की जय होनी चाहिए।

मोहन भागवत ने संविधान निर्माता भीमराव आंबडेकर की जयंती के मौके पर कहा कि पहले हम सभी एक ही थे, लेकिन बाद में विभाजनकारी ताकतों ने जातियों के रूप में विभाजित कर दिया जिसने विदेशी आक्रांताओं को हम पर हमला करने का मौका दे दिया, लेकिन डॉ भीमराव आंबडेकर ने हम सभी को एकजुट किया है, जिसके लिए इतिहास उन्हें हमेशा याद रखेगा।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि नेताजी ने अपना सारा जीवन देश के लिए समर्पित किया। उनका जीवन लगभग वनवास में गुजारने जैसा रहा। उन्होंने अपना सबकुछ देश के लिए बलिदान कर दिया। नेताजी को प्रणाम नाम के कार्यक्रम में मोहन भागवत ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस और हमारे पूर्वजों के दिखाए रास्ते पर चलना होगा।

इस साल विजयादशमी पर आरएसएस के स्थापना कार्यक्रम में मोहन भागवत ने कहा था कि कठोर नियमों वाला जनसंख्या नियंत्रण कानून देश की जरूरत है। उन्होंने बढ़ती जनसंख्या की वजह से कई देशों के टुकड़े होने का उदाहरण भी दिया था। भागवत ने कहा था कि सभी के लिए एक समान नियम बनाकर इस कानून को लागू करना चाहिए।

मोहन भागवत लगातार अपने बयानों में हिंदू-मुस्लिम एकता की बात की है। उन्होंने हमेशा कहा है कि इस देश में रहने वाले मुस्लिम कहीं बाहर से नहीं आए और उनके और हिंदुओं के पुरखे भी एक ही थे। भागवत ने देश में सभी धर्मों को मानने वालों से सद्भाव बनाए रखने की अपील भी कई बार की है। इस दिशा में संघ प्रमुख लगातार काम करते नजर आ रहे हैं।