Rubaiya Sayeed kidnapping: सर्दी की दोपहर लगभग साढ़े 3 बजे एक 22-23 साल की लड़की लालदेड़ मेडिकल हॉस्पिटल से बाहर निकलती है और घर जाने के लिए मिनी बस में बैठ जाती है। अभी मिनी बस कुछ ही दूर गई थी कि अचानक नौगाम के रास्ते में चार हथियार बंद लोग बस में घुस जाते हैं, ये सभी हथियार बंद जम्मू कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट से जुड़े थे। अब बस की दिशा मुड़ गई थी और थोड़ी ही दूर जाने के बाद ये बस रूकती है, जहां हथियार बंद ये लोग उस लड़की को बस से नीचे उतरने के लिए कहते हैं। बस यही वो वक़्त था जब पूरे देश में हड़कंप मचने वाला था।
Yasin Malik Case: तो बात उन दिनों की है, जब जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद अपने चरम पर पहुंच चुका था। उन दिनों केंद्र सरकार में गृह मंत्री थे मुफ्ती मोहम्मद सईद। तभी जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक की अगुवाई में तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री की बेटी रूबिया सईद का अपहरण कर लिया गया था। रूबिया सईद को छोड़ने के एवज में दुर्दांत आतंकियों को छोड़ने की मांग की गई थी। मजबूरन में सरकार को आतंकियों को छोड़ने जैसा कदम उठाना पड़ गया।