Siddaramaiah

Karnataka Temple Tax Bill: कर्नाटक की सिद्धारामैया सरकार के इस बिल पर सियासत गरमाई थी। बीजेपी ने इसे हिंदू विरोधी कदम बताया था। अब सिद्धारामैया सरकार के बिल पर गवर्नर थावरचंद गहलोत की तरफ से दस्तखत न किए जाने से मामला फंस गया है।

Karnataka Tax On Temples: माना जा रहा है कि कांग्रेस की कर्नाटक सरकार बनने के बाद मुफ्त की जो योजनाएं लागू करने का एलान किया गया, उसके लिए सिद्धारामैया सरकार धन जुटा रही है। कांग्रेस सरकार की मुफ्त योजनाओं पर सिद्धारामैया सरकार के करीब 50000 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

Karnataka Hijab Ban: कर्नाटक में हिजाब पर प्रतिबंध हटाए जाने पर उडुपी विधायक यशपाल सुवर्णा ने कहा, "कांग्रेस सरकार अपने चुनावी वादों को पूरा करने में सक्षम नहीं है, इसलिए वे लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। मैं सिद्धारमैया सरकार से इस आदेश को वापस लेने का अनुरोध करता हूं।

बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने आगे आरोप लगाया कि विजयपुरा में कांग्रेस सरकार मुस्लिम अफसरों को तैनात कर रही है। उन्होंने कहा कि ये लोग मार्च तक हैं। कांग्रेस लोकसभा चुनाव से पहले सरकार से बाहर हो जाएगी। पाटिल ने कहा कि विजयपुरा से दोनों मंत्री पहले ऊंची उड़ान भरने जैसा व्यवहार कर रहे थे।

Karnataka: कांग्रेस पार्टी का यह कदम आंतरिक संघर्षों को तुरंत संबोधित करने और यह सुनिश्चित करने की उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि पार्टी कर्नाटक के राजनीतिक परिदृश्य में एकजुट मोर्चा प्रस्तुत करे। इन बैठकों के नतीजे राज्य में पार्टी के भविष्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं, जिससे यह कांग्रेस नेताओं के लिए एक सामूहिक पाठ्यक्रम तैयार करने का एक महत्वपूर्ण मोड़ बन जाएगा।

Karnataka: अपने बयान में डीके शिवकुमार ने कहा कि कांग्रेस सरकार इस साल ज्यादा विकास नहीं कर पाएगी क्योंकि उसे उसके पास ज्यादा पैसे नहीं है। शिवकुमार ने कहा कि उन्हें अपनी 5 गारंटी योजनाओं को पूरा करना है जिसके लिए उन्हें अलग से पैसे रखने होंगे। ऐसे में उनके पास इस साल विकास के लिए अधिक पैसा नहीं हैं।

उधर, सीएम सिद्धारामैया ने मंगलवार को एलान किया है कि पूर्व की बीजेपी सरकार के दौर में हुई गड़बड़ियों और घोटालों की जांच कराई जाएगी और दोषियों को किसी सूरत में उनकी सरकार नहीं बख्शेगी। इस मुद्दे पर बीजेपी और सत्तारूढ़ कांग्रेस के बीच सियासी जंग और तेज होने के आसार हैं। सबकी नजर है कि सीएम क्या करते हैं।

कर्नाटक में राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव से पहले 5 मुफ्त गारंटियों का एलान किया था। इनमें महिलाओं को बसों में मुफ्त यात्रा, हर बीपीएल परिवार के सदस्य को हर महीने 10 किलो मुफ्त चावल, बेरोजगारों को 1500 से 3000 रुपए प्रति महीने भत्ता, 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली जैसी चीजें थीं। इनको लागू किया गया है।

कर्नाटक में सिद्धारामैया सरकार ने मुफ्त बिजली देने का वादा लागू तो किया, लेकिन बिजली की दरों में काफी बढ़ोतरी कर दी। अब उद्योग और दुकान चलाने वालों का कहना है कि पहले के मुकाबले ज्यादा बिजली का बिल वो देने में सक्षम नहीं हैं। इससे लागत भी बढ़ेगी और आम जनता के लिए सामान भी महंगा होगा।

कर्नाटक चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (केसीसीआई) ने बढ़ी हुई बिजली दरों के खिलाफ 22 जून को कर्नाटक बंद का आह्वान किया है। इस दौरान सभी तरह के उद्योग बंद रखने का फैसला केसीसीआई ने किया है। केसीसीआई का कहना है कि बढ़ी बिजली दरों से मुश्किल है और सिद्धारामैया सरकार उनकी दिक्कत सुन नहीं रही है।