Sriharikota

N Valarmathi Passes Away:बताया जा रहा है कि चेन्नई में ही वलारमथी को हार्ट अटैक आया। खबर सामने आने के बाद  ISRO के सभी वैज्ञानिक दुख जता रहे है। ISRO के पूर्व साइंटिस्ट्स डॉक्टर पीवी वेंकटकृष्ण ने दुख जताते हुए कहा कि आने वाले मिशनों में उलटी गिनती बोलने वाली एन वलारमथी की आवाज अब कभी भी सुनाई देगी

Aditya L-1: इसरो ने श्रीहरिकोटा में लॉन्च व्यू गैलरी से लॉन्च देखने के लिए जनता को निमंत्रण दिया है। इच्छुक व्यक्तियों को वेबसाइट के माध्यम से पंजीकरण करना आवश्यक है। पंजीकरण विवरण इसरो के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) के माध्यम से प्रदान किया गया है।

Chandrayaan 3: लैंडर मॉड्यूल में लैंडर और रोवर हैं। विक्रम लैंडर को इस मिशन में अभी 100 किलोमीटर की दूरी तय करनी है। लैंडर अभी ऊंचाई कम और रफ्तार धीरे करते हुए अपनी यात्रा कर रहा है। बता दें कि इसरो ने इसका वीडियो भी जारी किया है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि कैसे लैंडर अपनी यात्रा कर रहा है।

Chandrayan-3: चंद्रयान-3 मिशन को 14 जुलाई को दोपहर 2:35 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था। यदि सब कुछ योजना के अनुसार हुआ, तो यह मिशन भारत के महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-3 को दुनियाभर के सामने सफलता के एक नए प्रतिमान के रूप में गढ़ देगा। चंद्रयान-3 के चंद्रमा की सतह पर पहुंचने के साथ, इसरो का लक्ष्य अपनी वैज्ञानिक जांच जारी रखना और चंद्रमा की भूविज्ञान और संरचना के बारे में हमारी समझ को बढ़ाने के लिए मूल्यवान डेटा इकट्ठा करना है।

नई दिल्ली। जिंदगी क्या है? जिंदगी लम्हों का गुच्छा है। लेकिन कुछ लम्हें हमें ताजिंदगी याद रहते हैं, क्योंकि वो...

Who is Ritu Karidhal: महिला वैज्ञानिक ऋतु करिधाल मूल रूप से लखनऊ की रहने वाली हैं। उन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी की है और भौतिकी में M.sc की है। जिसके बाद उन्होंने भारतीय विज्ञान संस्थान में एडमिशन लिया।ऋतु की पहली नौकरी इसरो में 1997 में लगी..।

Chandrayaan- 3: चंद्रयान 3, 24-25 अगस्त को चांद की सतह पर दस्तक देगा। इसके बाद अगले 14 दिनों तक ये रोवर लैंडर के चारों ओर 360 डिग्री में घूमेगा और कई परीक्षण करेगा। रोवर के चलने से चन्द्रमा की सतह पर इसके पहिए के जो निशान बनेंगे इसकी तस्वीर भी ये भेजेगा।

ISRO's GSLV-F12 mission: इसरो का जीएसएलवी-एफ12 रॉकेट 51.7 मीटर ऊंचा रॉकेट है। इस रॉकेट का वजन करीब 420 टन है। जीएसएलवी-एफ12 में तीन स्टेज हैं। वहीं इसरो के द्वारा लॉन्च किये गए सैटेलाइट का वजन 2232 किलोग्राम है।

ISRO's GSLV-F12 mission: ISRO के प्रमुख डॉ. एस सोमनाथ ने बताया कि फ़िलहाल हम सात पुराने नाविक सैटेलाइट्स के सहारे काम चला रहे थे लेकिन इन सात सैटेलाइट्स में से केवल 4 ही काम कर पा रहे हैं। तीन पूरी तरह से ख़राब हो चुके थे।ISRO's GSLV-F12 mission: ISRO के प्रमुख डॉ. एस सोमनाथ ने बताया कि फ़िलहाल हम सात पुराने नाविक सैटेलाइट्स के सहारे काम चला रहे थे लेकिन इन सात सैटेलाइट्स में से केवल 4 ही काम कर पा रहे हैं। तीन पूरी तरह से ख़राब हो चुके थे।

ISRO: इसरो की कमर्शियल यूनिट न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड ने ब्रिटेन की नेटवर्क एक्सेस एसोसिएट्स लिमिटेड के साथ 36 उपग्रहों को लेकर  करार किया है