State Bank Of India

Electoral Bonds: हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग ने डेटा वाला ये सीलबंद लिफाफा कोर्ट को सौंप दिया. 15 मार्च को आदेश के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीलबंद लिफाफा चुनाव आयोग को लौटा दिया. इसके बाद चुनाव आयोग ने यह जानकारी सार्वजनिक कर दी।

Electoral Bonds : चुनाव आयोग ने कोर्ट से इलेक्टोरल बॉन्ड से संबंधी सीलबंद दस्तावेज वापस मांगे। चुनाव आयोग ने कहा कि उसने इसकी कॉपी नहीं रखी थी इसलिए उसे दस्तावेज वापस कर दिए जाएं। इस पर अदालत ने आदेश दिया कि सील कवर में रखा गया डेटा चुनाव आयोग को दिया जाए, क्योंकि उनको इसे अपलोड करना है।

Who Is Martin Santiago : सैंटियागो मार्टिन की धर्मार्थ ट्रस्ट वेबसाइट के अनुसार, उनका करियर म्यांमार के यांगून में एक मजदूर के रूप में शुरू हुआ। 1988 में, वह भारत लौट आए और तमिलनाडु में लॉटरी व्यवसाय शुरू किया। बाद में उन्होंने कर्नाटक, केरल, भूटान और नेपाल में अपना कारोबार बढ़ाया।

Electoral Bond SC: एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 14 अप्रैल, 2019 से 15 फरवरी, 2024 के बीच खरीदे गए और भुनाए गए चुनावी बांड का विवरण चुनाव आयोग को दे दिया गया है। इस अवधि के दौरान, कुल 22,217 चुनावी बांड खरीदे गए, जिनमें से 1 अप्रैल, 2019 और 11 अप्रैल, 2019 के बीच 3,346 खरीदे गए और उनमें से 1,609 को भुनाया गया। बिना भुनाए गए चुनावी बांड के बारे में, एसबीआई ने कहा, "1 अप्रैल, 2019 और 15 फरवरी, 2024 के बीच खरीदे गए 22,217 बांडों में से 22,030 चुनावी बांड पार्टियों द्वारा भुनाए गए हैं। जिन बांडों को भुनाया नहीं गया है, उनकी धनराशि पीएम सहायता कोष को हस्तांतरित कर दी गई है।"

Electoral Bond: इलेक्टोरल बॉण्ड की स्कीम मोदी सरकार 2017 में लाई थी। इस बॉण्ड स्कीम को 2018 से लागू किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई से कहा है कि जबसे इलेक्टोरल बॉण्ड की शुरुआत हुई और 2023 तक जिन्होंने इसे खरीदा, उन सबके नाम उजागर किए जाएं।

Electoral Bonds: जवाब में, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने खुलासा किया कि 30 चरणों में एसबीआई से कुल 16,518 करोड़ रुपये के चुनावी बांड खरीदे गए थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनावी बांड की खरीद पर कोई जीएसटी, कर या उपकर नहीं लगाया गया है।

यह किसी विशेष नोट को आर्थिक लेन देन से बाहर करने का एक मात्र फैसला है। वहीं, आप आगामी 30 सितंबर तक अपने पास रखे 2 हजार के नोट को बदलवा सकते हैं। उधर, ध्यान रहे कि अगर आपने 3 सितंबर तक यह नोट नहीं बदलवाएं, तो आपके पास रखा यह नोट कागज के टुकड़े में तब्दील हो जाएगा। वहीं, आइए अब आगे विस्तार से जानते हैं कि आप कैसे इस नोट को बदला सकते हैं।

एलआईसी ने पहले बताया था कि उसने अडानी ग्रुप में 32127 करोड़ रुपए का निवेश किया है। उधर, अडानी के शेयर्स में उछाल से ग्रुप को 27000 करोड़ का कर्ज देने वाले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की किस्मत भी शुक्रवार को खुली। निवेशकों के भरोसे की वजह से एसबीआई के शेयर्स में 5 फीसदी उछाल आया।

Adani Group: सबसे पहले तो उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया है कि इस पूरे मामले में सरकार का कोई लेना देना नहीं है। पिछले पांच दिनों में एंटरप्राइजेज का टिकट 49.60 फीसद टूट गया। पहले भी एलआईसी और एसबीआई की ओर से इस पर बयान जारी किया जा चुका है, जिसमें स्पष्ट किया जा चुका है।

New Rule for ATM Transaction: एटीएम के बढ़ते इस्तेमाल के साथ ही फ्रॉड और धोखाधड़ी के मामले भी लगातार अपने पैर पसार रहे हैं। अब अपने कस्टमर्स को इन फ्रॉड और धोखाधड़ी से बचाने के लिए बैंक नए-नए नियम ला रहे हैं। इसी क्रम में अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने एटीएम से पैसा निकालने के लिए नया नियम लागू कर दिया है...