Supriya Sule

Ajit Pawar: अजीत पवार ने अपने बायन में कहा कि जब शरद पवार ने अपने प्लान के तहत इस्तीफा दिया, तो इसके कुछ दिनों के बाद ही अपना इस्तीफा भी वापस ले लिया। ऐसा करके उन्होंने अपनी झोली में सियासी सहानुभूति हासिल करने का प्रयास किया।

शरद पवार ने मीडिया को बताया कि 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में होने वाली बैठक में 16 विपक्षी पार्टियों के नेता शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इस बैठक में विपक्षी दलों के नेता तय करेंगे कि लोकसभा चुनाव को किस तरह से लड़ा जाए। शरद पवार ने आधे घंटे से भी ज्यादा वक्त तक मीडिया से आज बात की।

Maharashtra: इसके अलावा कांग्रेस नेता विजय ने बीजेपी पर भी निशाना साधा जिसमें उन्होंने कहा कि बीजेपी को दो पार्टियों के बीच दो फाड़ करने के बावजूद भी संतुष्ट नहीं है। अब बीजेपी को शरद पवार को अपने पाले में करना चाहती है, क्योंकि वो जानती है कि शरद पवार बड़े कद के नेता हैं।

इससे पहले अजित पवार गुट ने चुनाव आयोग में 40 विधायकों, सांसदों और एमएलसी के दस्तखत वाले हलफनामे भेजकर एनसीपी को अपना बताया था। अजित पवार ने बैठक कर अपने साथ 32 विधायकों की संख्या भी सार्वजनिक की थी। अजित के साथ एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष में से एक प्रफुल्ल पटेल और छगन भुजबल भी हैं।

पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि मैं उनके (शरद पवार) परिवार में जारी विवाद के बारे में नहीं कहूंगा, लेकिन इस विवाद का महाराष्ट्र की सियासत पर असर पड़ेगा। चव्हाण ने कहा कि इस वजह से मैंने कल (बुधवार) भी कहा था कि एनसीपी में विभाजन वास्तविक और कड़वाहट के कारण है।

Maharashtra Political Crisis: ध्यान दें कि बीते प्रफुल्ल पटेल भी अजित पवार के पाले में थे। बीते रविवार को भी पटेल भी राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद थे। बीते दिनों प्रफुल्ल पटेल को एनसीपी की ओर से कार्यकारी अध्य़क्ष भी बनाया गया था। इतना ही नहीं, शरद पवार ने प्रेसवार्ता के दौरान यहां तक कहा था कि मुझे बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा है कि आखिर प्रफुल्ल पटेल ने मेरे खिलाफ यह कदम कैसे उठा लिया।

शरद पवार की बेटी और एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले भी अपने स्तर पर बगावत को खत्म करने की कोशिश में जुटी हैं। सुप्रिया सुले ने रविवार को मीडिया से कहा कि वो जिंदगी भर अपने पिता शरद पवार के ही साथ रहेंगी। सुप्रिया ने ये भी कहा कि विधायकों से उनके अच्छे रिश्ते रहे हैं। उन्होंने अजित को फिर बड़ा भाई कहा।

महाराष्ट्र में अजित पवार और उनके साथी विधायकों की बगावत के बाद शरद पवार की एनसीपी में हड़कंप जैसी स्थिति है। हर हाल में अजित पवार और उनके साथ गए विधायकों को एनसीपी में वापस लाने की कोशिश जारी है। इसके तहत हर पैंतरे शरद पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले अपना रहे हैं।

Maharashtra Political Crisis: चाचा शरद पवार और भतीजे अजित पवार की इस जंग में सबसे बड़ा नुकसान सुप्रिया सुले का हुआ है। कहां तो जून को उनके पिता शरद पवार ने एनसीपी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया था, लेकिन अब सुप्रिया सुले के हाथ कुछ नहीं बचा। अब सुप्रिया को अपना वजूद कायम रखने के लिए नए सिरे से कसरत और सियासी कवायद करनी होगी।

आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व महाराष्ट्र में सियासी सरगर्मियां तेज हो गईं हैं। बताया जा रहा है कि राकांपा नेता अजित पवार अब एनडीए का दामन थाम सकते हैं। इस संदर्भ में आज उन्होंने अपने आवास पर राकांपा नेताओं की बैठक बुलाई थी। जिसके बाद अब वे राजभवन रवाना हो गए। उनके समर्थक राजभवन रवाना हो सकते हैं। माना जा रहा है कि अजित पवार डिप्टी सीएम बन सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो यह शरद पवार के लिए बड़ा झटका हो सकता है।


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