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UCC In Uttarakhand: उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने के बाद सभी धर्मों और समुदायों के लिए कानून एक समान हो जाएंगे। इसके तहत तलाक, शादी, उत्तराधिकार जैसे मसलों पर एक जैसा नियम सभी पर लागू होगा। अभी तमाम समुदायों के अपने पर्सनल लॉ भी हैं। जो यूसीसी लागू होने के बाद रद्द माने जाएंगे।

UCC: हिमंता बिस्वा सरमा ने ट्विटर पर नए फैसले की जानकारी देते हुए  लिखा- " सदियों पुराने असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम को असम कैबिनेट ने खत्म कर दिया है...।इस अधिनियम में विवाह पंजीकरण की अनुमति देने वाले प्रावधान शामिल थे,

Uniform Civil Code: हिंदू, बौद्ध, सिख, और जैन समुदाय हिंदू कोड बिल के तहत आते हैं, जिसमें हिंदू विवाह अधिनियम और हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम जैसे महत्वपूर्ण कानून शामिल हैं। दूसरी ओर, मुसलमानों पर शरीयत आधारित पांथिक कानून लागू होते हैं, जिसमें मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) आवेदन अधिनियम प्रमुख है। इन कानूनों के भीतर पितृसत्तात्मक संरचनाएं प्रभावी हैं, जो अक्सर पुरुषों को वरीयता देती हैं। यह प्रवृत्ति महिलाओं के लिए समानता की संभावनाओं को सीमित करती है और विवाह, तलाक, और उत्तराधिकार संबंधी मामलों में लिंग आधारित भेदभाव को बढ़ावा देती है। इस्लामी न्यायशास्त्र की आड़ में बहुविवाह को भी वैधता प्रदान की जाती है।

UCC In Uttarakhand: उत्तराखंड में जब 2022 में विधानसभा चुनाव हुए थे, तब सीएम पुष्कर सिंह धामी ने फिर सरकार बनने पर यूसीसी लागू करने का वादा राज्य की जनता से किया था। चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए कमेटी गठित की थी।

Uttarakhand UCC: राहुल कुमार के यूजर ने लिखा, ''उत्तराखंड से देश के लिए ऐतिहासिक फैसला, मुख्यमंत्री धामी ने जनता से किया वादा पूरा कर लिया है। इस निर्णय से न केवल उत्तराखंड का देश में मान बढ़ा, बल्कि मुख्यमंत्री धामी का राजनीतिक कद बढ़ा है।''

UCC in Uttarakhand: इस सिलसिले 5 फरवरी को विधानसभा का विशेष सत्र भी आहूत किया गया है। वहीं, यूसीसी को लेकर सीएम धामी की गंभीरता का अंदाजा आप महज इसी से लगा सकते हैं कि उन्होंने इसकी वजह अपना अयोध्या दौरा भी निरस्त कर दिया।

यूसीसी अभी भारत में सिर्फ गोवा में लागू है। गोवा में पुर्तगालियों के शासन के दौरान यूसीसी लागू हुई थी। ये अब तक जारी है। यूसीसी के तहत सभी समुदायों के लिए एक समान कानून लागू होगा। अब तक कई समुदायों में तमाम मसलों पर अलग नियम और कायदे के तहत फैसले लिए जाते हैं।

UCC: डॉ. बर्क ने सरकार से आग्रह किया कि वह गरीबी, बेरोजगारी और मुद्रास्फीति जैसे गंभीर मुद्दों पर अपना ध्यान केंद्रित करे, जो देश को प्रभावित कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव नजदीक आने के साथ, उन्होंने सुझाव दिया कि यूसीसी जैसे मुद्दों पर सरकार का वर्तमान जोर राजनीति से प्रेरित प्रतीत होता है।

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एक सवाल के जवाब में बताया कि सभी मसलों पर पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मार्गदर्शन मिलता रहता है। उन्होंने कहा कि यूसीसी के बारे में भी मोदी और शाह से उनको मार्गदर्शन मिला और उसी के अनुरूप उत्तराखंड की बीजेपी सरकार अपने कदम उठा रही है।

Uniform Civil Code: सूत्रों का कहना है कि कई लोग ने लॉ कमीशन के चेयरपर्सन से मुलाकात कर पूछा कि आखिरी देश को यूनिफॉर्म सिविल कोड की जरूरत क्यो है? वहीं कुछ लोग ऐसे भी है जिनका ये कहना है अगर यूसीसी लागू होता है उससे कैसे अलग-अलग समुदाय के लोग उनको नुकसान पहुंच सकता है और देश में यूसीसी मुमकिन नहीं है।