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PM Modi On White Paper: श्वेत पत्र में मोदी सरकार ने कांग्रेस की यूपीए सरकार और अपने दौर में भारत की वित्तीय स्थिति की तुलना की है। मोदी सरकार ने जो श्वेत पत्र संसद में पेश किया है, उसमें बताया गया है कि किस तरह यूपीए सरकार के दौरान वित्तीय स्थिति खराब थी और बैंकिंग सिस्टम भी ध्वस्त होने के कगार पर था।

Amit Shah in Lok Sabha: अमित शाह ने विपक्षी गठबंधन के नाम चेंज करने पर कहा, विपक्ष को अपना नाम अभी बदलना पड़ा। यूपीए अच्छा नाम था। 10 साल सत्ता भी रहे थे। क्या दिक्कत थी नाम क्यों बदलना पड़ा। उन्हें गठबंधन का नाम बदलने की जरूरत क्यों पड़ी?

Mayawati: उन्होंने एक मजबूत और प्रतिबद्ध विपक्षी गठबंधन की आवश्यकता पर बल दिया जो लोगों के कल्याण के लिए एकजुट हो। उन्होंने विपक्ष के मौजूदा गठबंधनों को नाजुक बताया और कहा कि यह केवल सत्तारूढ़ दल को सत्ता से हटाने की मजबूरी से प्रेरित है।

राहुल गांधी और अडानी के मामले में अमित शाह ने विपक्ष की तरफ से काले कपड़े पहनकर संसद में आने पर कहा कि हम लोगों पर भी केस चले। हमने उन सभी मामलों का कोर्ट में सामना किया, लेकिन कभी हल्ला नहीं किया और न ही काले कपड़े पहने। अमित शाह ने इस मौके पर राहुल गांधी पर भी निशाना साधा।

Anurag Thakur : राणा कपूर ने कथित तौर पर कांग्रेस से एक औसत पेंटिंग खरीदकर अनुचित तरीके से पुरस्कार प्राप्त किए थे। राणा कपूर को 460 करोड़ रुपये से अधिक के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल मामले की इन्वेस्टिगेशन चल रही है। 

लोकसभा चुनाव अगले साल होने हैं। इसके लिए बीजेपी समेत तमाम दलों ने तैयारी शुरू कर दी है। कहा जाता है कि दिल्ली की सत्ता का रास्ता यूपी से होकर गुजरता है। जो पार्टी यूपी में ज्यादा लोकसभा सीटें जीतती है, उसी की सरकार केंद्र में बनती रही है। पिछली बार बीजेपी ने सहयोगियों के साथ यूपी की 70 लोकसभा सीटें जीती थीं।

लोकसभा चुनाव 2024 में होने हैं। करीब 1 साल का वक्त रह गया है। 2014 और 2019 में पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष को आंधी में तिनके की तरह उड़ा दिया था। अब सबकी नजर इस पर है कि अगले लोकसभा चुनाव में क्या बीजेपी अपने बीते दो बार का परफॉर्मेंस दोहरा पाती है, या विपक्ष को इस बार ज्यादा सीटें हासिल हो सकती हैं।

Bihar: आज मीडिया से मुखातिब होने के क्रम में नीतीश कुमार मे कहा कि उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल के गठन के दौरान जदयू के 4 सांसदों को मंत्री पद देने की मांग की थी, लेकिन अफसोस सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया। ध्यान रहे कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में जदयू की ओर से सिर्फ और सिर्फ महज आरसीपी सिंह को ही मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था।

महागठबंधन सराकर में कांग्रेस, राजद, हम, जदयू और वामदल शामिल है। सभी दलों की अपनी-अपनी आकांक्षाएं हैं। अब सवाल यह है कि आखिर एकलौते सुशासन बाबू कितनों की महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने में सफल रहेंगे। सवाल यह भी है कि आखिर अगर किसी की महत्वाकांक्षा अधूरी रह जाती है, तो बिहार की राजनीति में तूफान भी देखने को मिल सकता है।

चुनाव में एनडीए की तरफ से पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ मैदान में हैं। विपक्ष ने धनखड़ के खिलाफ मारग्रेट अल्वा को उतारा है। इस पद के लिए सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक वोट पड़ेंगे। वोटिंग में लोकसभा और राज्यसभा के सांसद हिस्सा लेंगे। गणित के लिहाज से देखें, तो जगदीप धनखड़ की जीत तय है। धनखड़ के मुकाबले मारग्रेट अल्वा को काफी कम वोट हासिल होते दिख रहे हैं।