BJP On Mushaal Mullick: बता दें कि यासीन मलिक दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है और टेरर फंडिंग मामले में वो सजा काट रहा है। मुशाल एक पाकिस्तानी नागरिक है वो हमेशा से कश्मीर पर भड़काऊ बयान देती रहती है। दोनों की शादी साल 2019 में हुई थी। मुशाल पाकिस्तान के एक बेहद अमीर से आती है उनके पिता एम एम हुसैन एक प्रसिद्ध अर्थशास्त्री थे।
Who is Mushal Malik: मुशाल के पति यासीन मलिक कई वर्षों तक कश्मीर में भारत विरोधी अभियानों का नेतृत्व करने के लिए जाने जाते थे। उनकी शादी 22 फरवरी 2009 को रावलपिंडी में हुई थी। 2005 में जब यासीन पाकिस्तान के दौरे पर था, तब दोनों के बीच राहें एक-दूसरे से मिलीं।
Terrorist Yasin Malik: सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने गृह सचिव अजय भल्ला को लिखे पत्र में इस मामले से जुड़ी सुरक्षा चिंताओं की गंभीरता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि यासीन मलिक को बिना किसी आधिकारिक आदेश के सुप्रीम कोर्ट में लाना गंभीर सुरक्षा चिंता का विषय है। यासीन मलिक के जीवन पर किसी भी संभावित जोखिम या संभावित अप्रिय घटनाओं से बचने के लिए की गई कार्रवाई आवश्यक समझी गई।
महबूबा किस तरह दुर्दांत आतंकी यासीन मलिक का पक्ष लेती रहीं, ये इसी से पता चलता है कि साल 2019 में भी जब यासीन को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, तो महबूबा ने बयान दिया था कि आप इंसानों को कैद कर सकते हैं, लेकिन उनके विचारों को कभी कैद नहीं किया जा सकता।
Yasin Malik Case: तो बात उन दिनों की है, जब जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद अपने चरम पर पहुंच चुका था। उन दिनों केंद्र सरकार में गृह मंत्री थे मुफ्ती मोहम्मद सईद। तभी जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक की अगुवाई में तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री की बेटी रूबिया सईद का अपहरण कर लिया गया था। रूबिया सईद को छोड़ने के एवज में दुर्दांत आतंकियों को छोड़ने की मांग की गई थी। मजबूरन में सरकार को आतंकियों को छोड़ने जैसा कदम उठाना पड़ गया।
रूबिया सईद का 8 दिसंबर 1989 को अपहरण हुआ था। तब केंद्र में वीपी सिंह की सरकार थी और जेकेएलएफ के 5 आतंकियों को रिहा करने के बाद 13 दिसंबर को रूबिया को भी छोड़ दिया गया था। टेरर फंडिंग मामले में यासीन मलिक को 2019 में जब एनआईए ने गिरफ्तार किया, तो उस पर इस मामले में भी केस चलने लगा।
Prakash Ambedkar on Yasin Malik: यासीन मलिक को UAPA की धारा 18, 19, 20, 38 और 39 के तहत दोषी पाया गया था। जिसके बाद उसे उम्रकैद की सजा के साथ-साथ 10 लाख का जुर्माना लगाया गया था।
Yasin Malik: लेकिन आतंकी यासीन मलिक के समर्थन में पत्थरबाजी और देश विरोधी नारेबाजी करने वालों की शामत आई। श्रीनगर पुलिस ने जानकारी दी है कि यासीन मलिक के घर के बाहर पत्थरबाजी के आरोप में अब तक 10 लोगों को धरदबोचा है।
यूं तो पाकिस्तान की सेना कहती है कि उसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। वो जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद फैलाने में अपने हाथ को भी हमेशा नकारती है, लेकिन जब कश्मीर घाटी में निर्दोषों की जान लेने और टेरर फंडिंग के दोषी यासीन मलिक को सजा हुई, तो पाकिस्तान के नेताओं के साथ वहां की सेना का दर्द भी जाग उठा।
अंबरीन की हत्या पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने दुख जताया है। अंबरीन नामचीन एक्टर थीं। वो टीवी शोज में एक्टिंग करती थीं। उनकी हत्या आतंकियों ने किस वजह से की, इसका पता नहीं है। पहले उन्हें धमकी दिए जाने की भी कोई बात सामने नहीं आई थी।