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संजीव चावला के बाद अब भारत लाने के लिए दो सबसे बड़े भगौड़े का नम्बर! मोदी सरकार की बड़ी तैयारी

20 साल से देश से फरार बुकी संजीव चावला की गिरफ्तारी से देश के भीतर हड़कंप की स्थिति है। देश के भीतर के कई सफेदपोश चेहरों के नाम सामने आ सकते हैं।

नई दिल्ली। 20 साल से देश से फरार बुकी संजीव चावला की गिरफ्तारी से देश के भीतर हड़कंप की स्थिति है। देश के भीतर के कई सफेदपोश चेहरों के नाम सामने आ सकते हैं, पर जिन दो भगौड़ों के नाम देश भर की जुबां पर हैं, उन्हें वापिस लाने की भरपूर संभावना है। अहम बात यह भी है कि इन दोनों भगौड़ों ने भी वही दलीलें रखी हैं जो संजीव चावला ने लंदन की अदालत में पेश की थी।

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इसी वजह से इस बात की उम्‍मीद है कि आने वाले दिनों में विजय माल्‍या और नीरव मोदी समेत भारत के दूसरे आरोपियों को स्‍वदेश लाया जा सकेगा। इसी सूची में और भी नाम हैं जिनकी वापसी का भी इंतजार वर्षों से भारत कर रहा है। इन सभी को भारत की अदालतों की तरफ से भगोड़ा करार दिया गया है।

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संजीव चावला की तलाश काफी लंबे समय से चल रही थी। उससे जुड़ा मैच फिक्सिंग का मामला करीब 19 वर्ष पुराना है। चावला की वापसी को लेकर भारत सरकार ने कूटनीतिक और कानूनी दोनों ही तरह के प्रयास किए थे, जिन्‍हें अब जाकर सफलता मिली है। भारत और ब्रिटेन के बीच वर्ष 1992 में प्रत्‍यर्पण संधि हुई थी।

संजीव चावला समेत नीरव और माल्‍या ने भी खुद को भारत प्रत्‍यर्पित न करने को लेकर जो दलील दी थीं उनमें से एक भारतीय जेलों की खराब हालत भी है। लेकिन ब्रिटेन की कोर्ट ने इस दलील को खारिज कर दिया है। अब चावला को भारत लाने के बाद जांच तेज़ी से आगे बढ़ेगी। सबसे पहले चावला की चिकित्सा जांच की जाएगी और फिर बाद में अदालत में पेश किया जाएगा। वहां से पुलिस उसे हिरासत में लेकर उससे मैच फिक्सिंग के 19 वर्ष पुराने मामले में पूछताछ करेगी।

नीरव मोदी को भारत सरकार की कोशिशों के बाद उसको 19 मार्च को लंदन में गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद से ही नीरव मोदी वहां की वांड्सवर्थ जेल में बंंद है। उधर विजय माल्‍या मार्च 2016 में ब्रिटेन भाग गया था। मई में ही माल्‍या ने भारत वापसी से इनकार कर दिया था। जनवरी 2019 में धन शोधन निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत बनी विशेष अदालत ने उसको भगोड़ा वित्तीय अपराधी घोषित किया था। इस कोर्ट द्वारा भगोड़ा करार दिया गया यह देश का पहला आरोपी है।