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गुरू पूर्णिमा के मौके पर हिन्दू मुसलमान सभी ने किया पातालपुरी मठ में गुरू का दर्शन, मुस्लिम महिलाओं ने उतारी आरती

Guru Purnima: मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के पूर्वांचल सह संयोजक मो० अजहरूद्दीन ने कहा कि बालक दास जी ऐसे गुरू हैं जिन्होंने समाज में धर्म के नाम पर पनप रहे नफरत की खाई को भरने का काम किया है।

वाराणसी। गुरूओं का शहर कहे जाने वाली काशी में गुरूपूर्णिमा के मौके पर गुरू वंदना की होड़ देखने को मिली। बता दें कि यहां धर्म जाति विचार के भेद से ऊपर उठकर लोग गुरू की पूजा करते हैं। जिसमें सभी वर्ग और धर्मों के लोग शामिल होते हैं। अपने हुनर के जानकार उसी हुनर को जब दूसरे को सिखाते हैं तो गुर कृपा ही होती है। वहीं पातालपुरी सनातन धर्म रक्षा परिषद की ओर से पातालपुरी मठ, नरहरिपुरा में गुरूपूर्णिमा कार्यक्रम का आयोजन किया गया।  जिसमें लोगों ने पातालपुरी मठ के पीठाधीश्वर महंत बालक दास जी महाराज का दर्शन कर आशीर्वाद लिया। इसके लिये गांव–गिरांव से लोग पातालपुरी मठ पहुंचे। इस मौके पर मुस्लिम महिला फाउण्डेशन की नेशनल सदर नाजनीन अंसारी जिन्हें हनुमान चालीसा फेम नाजनीन अंसारी भी कहा जाता है, शामिल हुईं। उन्होंने गुरू पुर्णिमा के मौके पर बालक दास जी की आरती की और उन्हें श्रीराम नाम का दुपट्टा भेंट किया। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के पूर्वांचल सह संयोजक मो० अजहरूद्दीन, अफसर बाबा, शफीक अहमद आदि मुस्लिम बंधुओं ने भी बालक दास जी का दर्शन किया।

इस अवसर पर महंत बालक दास जी महाराज ने कहा कि जिनको भी भगवान श्रीराम में आस्था और भक्ति है चाहे वह किसी भी धर्म और जाति का हो ऐसे सभी लोगों के लिए मठ का द्वार खुला है। गुरू की पूजा करना तो धर्म और जाति के बंधन से मुक्त है।

मुस्लिम महिला फाउण्डेशन की नेशनल सदर नाजनीन अंसारी ने कहा कि गुरू वही है जो अपने ज्ञान के प्रकाश से अज्ञान का अंधेरा दूर कर दे। बिना रामभक्ति के अज्ञान का अंधेरा दूर होने वाला नहीं है। मैंने रामभक्ति का दर्शन अपने गुरू बालक दास जी से सीखा है। आज उनकी आरती कर सम्मान देने में गर्व का अनुभव हो रहा है।

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के पूर्वांचल सह संयोजक मो० अजहरूद्दीन ने कहा कि बालक दास जी ऐसे गुरू हैं जिन्होंने समाज में धर्म के नाम पर पनप रहे नफरत की खाई को भरने का काम किया है। अपने गुरू बालक दास पर हमें नाज है कि उन्होंने शिष्य बनाने में धर्म जाति का भेद नहीं किया।
इस अवसर पर रामपंथ के पंथाचार्य डा० राजीव श्रीगुरूजी, अर्चना भारतवंशी, इली भारतवंशी, मुस्ताक अहमद, नगीना बेगम, शाहिद, मुख्तार अहमद, कलीम असरफ, रज्जब अली, अल्हम्दुलिल्लाह आदि लोगों ने भाग लिया।