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पूर्व PM अटल बिहारी वाजपेयी के 5 ऐतिहासिक बयान, जो आपको कर देंगे मंत्रमुग्ध

Atal Bihari Vajpayee: अटलजी आज दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके भाषण आज भी लोगों को अपनी ओर खींचते हैं। राजनीति के लिए मिसाल इन भाषणों में से हम आपको सुनाने जा रहे हैं वो पांच भाषण…जिन्हें सुनकर आपको अटलजी की याद ताजा हो जाएगी।

नई दिल्ली। देश में कई बड़े नेता हुए हैं। इन नेताओं के भाषण लोग मंत्रमुग्ध होकर सुनते थे। लेकिन अगर किसी नेता के भाषण आज भी लोगों को लुभाते हैं, तो वह हैं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी। ग्वालियर यूनिवर्सिटी से हिन्दी में एमए पास करने वाले अटलजी अपनी इसी भाषण शैली की वजह से देश-दुनिया में पहचाने गए। अटलजी आज दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके भाषण आज भी लोगों को अपनी ओर खींचते हैं। राजनीति के लिए मिसाल इन भाषणों में से हम आपको सुनाने जा रहे हैं वो पांच भाषण…जिन्हें सुनकर आपको अटलजी की याद ताजा हो जाएगी। अटलजी ने वैसे तो सैकड़ों भाषण दिए होंगे, लेकिन 1977 में बतौर विदेश मंत्री जब वह संयुक्त राष्ट्र में गए, तो वहां देश के पहले नेता बने जिसने भारत की राष्ट्रभाषा हिन्दी में भाषण दिया और देश का गौरव बढ़ाया।

अटलजी की पहली सरकार महज 13 दिन चली थी। तमाम पार्टियों ने उन्हें समर्थन का वादा करके हाथ खींच लिया था। अटलजी ऐसे नेता थे जो जोड़-तोड़ और खरीद-फरोख्त को गलत मानते थे। ऐसे में उन्हें पीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा। लोकसभा में इस्तीफे का ऐलान करते अटलजी का यह भाषण आज भी लोगों के दिलों को छू जाता है।

भ्रष्टाचार के खिलाफ अटलजी हमेशा मुखर रहे। वो भ्रष्टाचार को देश के लिए सबसे घातक मानते थे। अब आपको सुनाते हैं अटलजी का वह भाषण जो उन्होंने लोकसभा में भ्रष्टाचार के खिलाफ दिया था।

1974 में भारत ने पोखरण में पहला परमाणु परीक्षण किया था। जिसके बाद 1998 में पीएम बनने के बाद अटलजी ने दोबारा परमाणु परीक्षण कराया। उस वक्त उनके इस फैसले पर अंगुली उठी थी। अटलजी ने संसद में इसके जवाब में क्या कहा था ये सुनिए।

अटलजी ने पाकिस्तान से संबंध सुधारने के लिए लाहौर की यात्रा की। लेकिन इसी यात्रा के बाद 1999 में पाकिस्तान ने करगिल में घुसपैठ कर दी। भारतीय सेना ने उन्हें मार भगाया। आइए आपको सुनाते हैं कि पाकिस्तान की इस दगाबाजी पर अटलजी ने क्या कहा था।