नई दिल्ली। एक तरफ जहां पूरा विश्व कोरोनावायरस महामारी से जूझ रहा है। तो वहीं ऐसे मुश्किल वक्त में भारत अपने पड़ोसी समेत कई देशों की सहायता करने से पीछे नहीं हटा रहा है। कोरोनावायरस की वैश्विक लड़ाई में भारत ने अब अफगानिस्तान को हाइड्रॉक्सक्लोरोक्वीन, पैरासिटामॉल सहित गेहूं सहित अन्य राहत सामग्री भेजी है। इस जानकारी खुद अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने ट्विटर के जरिए दी है। इतना ही नहीं राष्ट्रपति गनी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस सहायता के लिए जमकर प्रंंशसा भी है।
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देशवासियों की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के लोगों का शुक्रिया अदा किया है। इससे पहले संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने भारत को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन दवाएं भेजने के लिए शुक्रिया कहा है।
उन्होंने ट्वीट कर लिखा,’मेरे मित्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी आपका धन्यवाद और हम 500K (5 लाख) हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन टैबलेट, 100K (एक लाख) पेरासिटामोल की टैबलेट और 75,000 मीट्रिक टन गेहूं उपलब्ध कराने के लिए भारत को धन्यवाद करते हैं। गेंहूं की पहली खेप (5,000 मीट्रिक टन) एक दिन में अफगान के लोगों के लिए अफगानिस्तान पहुंच जाएगी।’
अशरफ गनी ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा- ‘भारत में उपलब्धता बढ़ने पर दवाओं और उपकरणों सहित अन्य वस्तुओं की आपूर्ति करने के लिए आगे की प्रतिबद्धताओं के लिए भी आपका धन्यवाद। कोविड-19 के कठिन समय में, सहयोगियों और दोस्तों के बीच घनिष्ठ सहयोग हमें इस खतरे से लड़ने और हमारे लोगों को बचाने के लिए बेहतर तैयार करेगा।’
इसके जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान इतिहास, भूगोल और संस्कृति के संबंधों के आधार पर एक विशेष मित्रता साझा करते हैं। लंबे समय से हमने आतंकवाद के संकट के खिलाफ संयुक्त रूप से लड़ाई लड़ी है। हम इसी तरह एकजुटता और साझा संकल्प के साथ COVID 19 का मुकाबला करेंगे।
India and Afghanistan share a special friendship, based on ties of history, geography, and culture.
For long, we have fought jointly against the scourge of terrorism. We will similarly combat COVID-19 together, with solidarity and shared resolve. @ashrafghani https://t.co/du6Rw0jvPV
— Narendra Modi (@narendramodi) April 20, 2020
कोरोना को मात देने में सक्षम समझी जाने वाली दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन (एचसीक्यू) की आपूर्ति को लेकर भारत अभी दुनिया का सबसे अग्रणी देश बन गया है। अभी 55 से अधिक देशों ने भारत से इस दवा को खरीदने का आग्रह किया है। अमेरिका, ब्रिटेन जैसे शक्तिशाली देश भारत से इस दवा को खरीद रहे हैं लेकिन गुआना, डोमिनिक रिपब्लिक, बुर्कीनो फासो जैसे गरीब देश भी हैं जिन्हें भारत अनुदान के तौर पर इन दवाओं की आपूर्ति करने जा रहा है।