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साउथ चाइना सी में अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने की ड्रैगन की घेराबंदी, कहा यह चीन का जल साम्राज्य नहीं

साउथ चाइना सी की अहमियत इसलिए भी बढ़ जाती है, क्योंकि कई देशों से जुड़े होने के चलते इस इलाके में जहाजों की आवाजाही भी ज्यादा है।

नई दिल्ली। भारत से दुश्मनी मोल लेकर चीन के तो बुरे दिन आ गए हैं। अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया जैसे देश अब चीन का खुले तौर पर विरोध कर रहे हैं। साउथ चाइना सी विवाद को लेकर अमेरिका ने चीन को खरी-खरी सुना दी है। इस मामले में चीन को दो टूक में अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने शनिवार को कहा कि साउथ चाइना सी चीन का जल साम्राज्य नहीं है।

SouthChina_Sea

पोम्पियो ने कहा कि, इस पर हमारी नीति बिल्कुल स्पष्ट है। उधर, ऑस्ट्रेलिया ने इस जल क्षेत्र में चीन दावों को खारिज कर दिया है। अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने दावा किया कि चीन इस क्षेत्र के ज्यादातर हिस्सों पर अपना दावा करता है, जिसका कोई कानूनी आधार नहीं है। हालांकि, चीन ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

Mike pompeo

इस विवाद को अंतरराष्ट्रीय कानून के जरिए हल करने को लेकर पोम्पियो ने कहा कि अगर चीन अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करता है और देश कुछ नहीं करते हैं, तो वह इस क्षेत्र के ज्यादातर हिस्सों पर कब्जा कर लेगा। इस विवाद को अंतरराष्ट्रीय कानून के जरिए हल किया जानना चाहिए। इससे पहले अमेरिका ने इस क्षेत्र में चीन की हरकतों को गैरकानूनी बताया था। आपको बता दें कि दशकों से इस क्षेत्र को लेकर विवाद रहा है। लेकिन, हाल के सालों में तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। वह जिस बड़े क्षेत्र पर दावा करता है, उसे ‘नौ-डैश लाइन’ के रूप में जाना जाता है। उसने इस इलाके में सैनिकों की पेट्रोलिंग को सही ठहराया है। ब्रुनेई, मलेशिया, फिलीपींस, ताइवान और वियतनाम पहले से ही चीन के दावों का विरोध करते रहे हैं। चीन का कहना है कि वह इस क्षेत्र में शांति चाहता है।

चीन भले ही साउथ चाइना सी को लेकर चालें चल लेकिन 2016 में इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल ने चीन के खिलाफ फैसला सुनाया था। इसमें कहा गया था कि समुद्र के जल और संसाधनों पर ऐतिहासिक रूप से किसी एक देश के नियंत्रण के कोई सबूत नहीं हैं। हालांकि, चीन ने फैसले को खारिज कर दिया।

दरअसल साउथ चाइना सी की अहमियत इसलिए भी बढ़ जाती है, क्योंकि कई देशों से जुड़े होने के चलते इस इलाके में जहाजों की आवाजाही भी ज्यादा है। यह दुनिया के सबसे बिजी जल-मार्गों में से एक है। जानकारी के मुताबिक, हर साल इस मार्ग से पांच ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा का बिजनेस होता है, जो दुनिया के कुल समुद्री व्यापार का 20% है। यहां पारसेल्स द्वीप पर कच्चे तेल और प्राकृतिक गैसों का भंडार है। साथ ही इस क्षेत्र में कई प्रकार की मछलियां पाई जाती हैं। बिजनेस के लिहाज से यह इलाका बेहद अहम है।