एक रिपोर्ट ने अमेरिका से युद्ध की संभावनाओं को लेकर चीन को चेताया, कहा- ‘तैयार रहो’

चीन में एक आंतरिक रिपोर्ट ने चेतावनी दी है कि वैश्विक रूप से चीन विरोधी भावनाएं इस वक्त अपने चरम पर हैं।

Avatar Written by: May 5, 2020 3:19 pm

बीजिंग। चीन और अमेरिका के बीच कोरोना की उत्पत्ति को लेकर जुबानी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने देश में कोरोना से मरते लोगों को देखकर चीन को आंखें दिखा रहे हैं और लगातार आरोप लगा रहे हैं कि चीन को कोरोना की सच्चाई छिपाने का परिणाम अवश्य भुगतना होगा। वहीं चीन का साथ देने का आरोप लगाते हुए अमेरिका ने तो विश्व स्वास्थ्य संगठन तक को नहीं बख्शा। अब चीन में एक आंतरिक रिपोर्ट ने चेतावनी दी है कि वैश्विक रूप से चीन विरोधी भावनाएं इस वक्त अपने चरम पर हैं। रॉयटर्स के मुताबिक, रिपोर्ट में ये चेतावनी दी गई है कि कोरोनावायरस के प्रकोप के मद्देनजर चीन बढ़ते द्वेष का सामना कर रहा है, जिससे संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ उसके संबंध बिगड़ सकते हैं।

donald trump and xi jinping

कोरोना वायरस जो सबसे पहली बार चीन के वुहान शहर में दिखा था, उसने विश्व स्तर पर अब तक 3 मिलियन से अधिक लोगों को संक्रमित किया है और इसके कारण करीब 2 लाख लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

राज्य सुरक्षा मंत्रालय ने चीनी की इस रिपोर्ट को पिछले महीने के शुरुआत में राष्ट्रपति शी जिनपिंग सहित बीजिंग के शीर्ष नेताओं को सौंपा था। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन को अमेरिका के साथ सशस्र टकराव की सबसे खराब स्थिति के लिए तैयार रहने की जरूरत है।

Trump and china jinping

ये रिपोर्ट चीनी रक्षा मंत्रालय से संबद्ध एक थिंक टैंक चाइना इंस्टीट्यूट ऑफ कंटेमंपरेरी इंटरनेशनल रिलेशन्स द्वारा तैयार की गई थी, जो चीन के शीर्ष खुफिया एजेंसी है।

चीन और अमेरिका के बीच संबंध पिछले कुछ दशकों में अपने सबसे खराब स्तर पर देखे जा रहे हैं। अनुचित व्यापार और प्रौद्योगिक कार्यों को लेकर अमेरिका के अविश्वास और मनमुटाव से शुरू होते हुए, हांगकांग, ताइवान और दक्षिण चीन सागर के विवादित इलाकों पर तकरार तक, अमेरिका-चीन संबंधों के बीच खाई बढ़ती जा रही है।

China America

कोरोना वायरस ने हजारों अमेरिकी लोगों की जान ली है और अमेरिकी अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प तब से चीन की आलोचना कर रहे हैं और चीन पर नए टैरिफ लगाने की धमकी दे रहे हैं। इस बीच, उनका प्रशासन चीन से बदला लेने के तरीकों पर विचार कर रहा है।

इसके विपरीत, बीजिंग में यह व्यापक रूप से माना जाता है कि संयुक्त राज्य अमेरिका उभरते हुए चीन को नियंत्रित करना चाहता है, जो अर्थव्यवस्था बढ़ने के कारण विश्व स्तर पर अधिक मुखर हो गया है।

अंत में रिपोर्ट में ये निष्कर्ष निकाला गया कि वाशिंगटन, चीन के उदय को आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे और पश्चिमी लोकतंत्र के लिए एक चुनौती के रूप में देखता है। रिपोर्ट ने यह भी कहा है कि अमेरिका का लक्ष्य जनता के विश्वास को कम करके सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी को हटाना है। गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति लगातार चीन पर हमलावर रुख अपनाए हुए हैं। जिसको देखते हुए इस तरह की रिपोर्ट्स को और हवा मिल रही है।