नई दिल्ली। नार्थ कोरिया के सनकी तानाशाह किम जोंग ने अब अमेरिका मे होने वाले राष्ट्रपति चुनावों को निशाना बनाया है। उसने खुली चेतावनी दी है कि अगर ट्रंप नवंबर में होने वाला चुनाव कायदे से कराना चाहते हैं, तो अपना मुंह बंद रखें। अहम बात है कि सनकी तानाशाह की इस धमकी के पीछे उसकी बहन का बड़ा हाथ माना जा रहा है। अमेरिकी सुरक्षा विशेषज्ञों को इस बात की आशंका है कि भाई-बहन मिलकर राष्ट्रपति चुनावों से पहले अमेरिका को दहलाने की साजिश कर सकते हैं।
उ.कोरिया ने इससे पहले द.कोरिया की सीमा पर किम जोंग उन की सत्ता के खिलाफ पर्चा बांटे जाने को लेकर संबंध तोड़ने का भी ऐलान कर दिया। उत्तर कोरिया ने द.कोरिया से जुड़ी हॉटलाइन समेत सभी कम्युनिकेशन लाइनों को बंद कर दिया है। किम के इस कदम से अमेरिका में हडकंप मचा हुआ है। अमेरिका को इस बात का डर सता रहा है कि अपनी सनक के लिए मशहूर किम, चीन के इशारों पर परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है। अगर ऐसा हुआ तो ये महाविनाश की दस्तक होगी।
उ.कोरिया की न्यूज एजेंसी केसीएनए के मुताबिक, उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय में अमेरिकी मामलों के महानिदेशक ओन जोंग गन ने कहा कि अमेरिका को अपने आंतरिक मामले पर ध्यान देना चाहिए। वह दूसरे के मामलों में टांग अड़ाता रहता है। उन्होंने साफ धमकी दी कि अमेरिका को अपने जीभ पर लगाम लगाना चाहिए और अपने घरेलू मामलों पर ध्यान देना चाहिए। यह न केवल अमेरिका के लिए बल्कि वहां होने वाले चुनाव के लिए भी अच्छा होगा।
किम को साधने की तमाम कोशिशें कर चुके हैं ट्रंप
अमेरिका के राष्ट्रुपति डोनाल्ड ट्रंप इससे पहले किम जोंग को साधने की तमाम कोशिशें कर चुके हैं। कोरियाई प्रायद्वीप में परमाणु निरस्त्रीकरण करने को लेकर ट्रम्प और किम के बीच पिछले साल जून में सिंगापुर में पहली बैठक हुई थी। इसके बाद इस साल फरवरी में वियतनाम की राजधानी हनोई में दोनों नेताओं के बीच दूसरी बैठक हुई थी जो विफल रही थी। दोनों नेताओं के बीच एक साल के भीतर यह दूसरी शिखर बैठक थी। जी-20 समिट से लौटते वक्त ट्रम्प ने कोरियाई सीमा के असैन्य क्षेत्र में किम से मीटिंग की थी। मगर किम पर इन मीटिगों का कोई असर नही पड़ा। वह अपनी सनक पर कायम है।
दक्षिण कोरिया है दुश्मन
इससे पहले किम दक्षिण कोरिया पर भी बुरी तरह बरस चुका है। उत्तर कोरिया ने साफ ऐलान कर दिया है कि वह दक्षिण कोरिया को अब दुश्मन देश ही मानेगा। उसके साथ उसी हिसाब से बर्ताव किया जाएगा। प्योंगयांग की न्यूज एजेंसी ने कहा- दक्षिण कोरिया के अफसरों का रवैया गैरजिम्मेदाराना है। उनकी मिलीभगत का फायदा उठाकर हमारे विरोधी सक्रिय हैं। इन्होंने हमारी टॉप लीडरशिप का अपमान किया। इन्हें माफ नहीं किया जा सकता। इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी। अब दक्षिण कोरिया से कोई बातचीत नहीं की जाएगी।
प्लान के पीछे है किम की बहन
अमेरिका और दक्षिण कोरिया के खिलाफ नार्थ कोरिया के इस ताजा रूख के पीछे किम जोंग की बहन का हाथ बताया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, कम्युनिकेश लाइन खत्म करने का फैसला नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन और उनकी बहन किम यो-जोंग की मौजूदगी में लिया गया। रिपोर्ट में कहा गया- यह कदम दक्षिण कोरिया के साथ सभी रिश्ते पूरी तरह से खत्म करने की दिशा में पहला कदम है। उत्तर और दक्षिण कोरिया ने दो साल पहले कम्युनिकेशन लाइन बनाईं थीं। तब दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन और किम जोंग-उन के बीच तीन मीटिंग हुईं थीं। इसी दौरान उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया को दुश्मन से दोस्त देश का दर्जा दिया था। पिछले साल फरवरी तक दोनों देशों के संबंध ठीक रहे। अमेरिका और नॉर्थ कोरिया की बातचीत विफल हुई तो दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया के रिश्ते भी खराब हो गए।
बेहद खतरनाक और रहस्यमय देश है नार्थ कोरिया, ऐसे तानाशाह बना किम जोंग
नॉर्थ कोरिया के बारे में कहा जाता है कि एक तो आप वहां आसानी से पहुंच नहीं सकते। पहुंच गए तो बहुत कुछ देख नहीं सकते और अगर देख लिया तो आपका बचना नामुमकिन है। नॉर्थ कोरिया में किम जोंग-उन तीसरी पीढ़ी के शासक हैं. नॉर्थ कोरिया बनने के बाद एक ही वंश का शासन रहा है। पहले शासक थे किम जोंग के दादा, किम इल-संग। फिर आए उनके बेटे किम जोंग-इल। मतलब किम जोंग के पिता। वहां बड़े बेटे को उत्तराधिकार में आगे करने की परंपरा है लेकिन किम के पिता ने पहली पत्नी के बेटे किम जोंग-नाम को सत्ता नहीं दी। उसे अयोग्य माना। दूसरी पत्नी से बड़े बेटे किम जोंग-चुल की राजनीति में रुचि नहीं थी। ऐसे में पिता ने छोटे बेटे और किम जोंग-चुल के सगे भाई किम जोंग-उन को बतौर उत्तराधिकारी तैयार किया। जब 2011 में किम जोंग के पिता गुज़रे, तो सत्ता उनके पास आ गई।
किम की बेहद खतरनाक बहन
किम यो-जॉन्ग, किम जोंग-उन की छोटी बहन हैं। उम्र में उनसे चार साल छोटी है पर सरकार में उसकी ही चलती है। इसी साल अप्रैल में उसे शक्तिशाली पोलितब्यूरो में फिर से शामिल किया गया है। माना जाता है कि किम जोंग-उन के तमाम फैसलों के पीछे उनकी बहन यो-जॉग ही होती हैं। यो-जॉग काफी लो प्रोफाइल रहती हैं। उनकी सूचनाएं बहुत अंडरकवर रखी जाती हैं लेकिन पिछले कुछ समय से यो-जोंग काफी फ्रंटफुट पर खेलने लगी हैं। घरेलू पॉलिटिक्स, मिलिट्री से लेकर डिप्लोमेसी तक उसकी ही चलती है।