
नई दिल्ली। अमेरिका के वैज्ञानिकों विक्टर एम्ब्रोस और गैरी रुवकुन को 2024 के लिए संयुक्त रूप से चिकित्सा के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। स्वीडन के कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट मेडिकल यूनिवर्सिटी की नोबेल असेंबली द्वारा आज इन वैज्ञानिकों के नामों की घोषणा की गई। विक्टर एम्ब्रोस और गैरी रुवकुन को माइक्रो आरएनए की खोज के लिए यह सम्मान दिया गया है।
The 2024 Nobel Prize in Physiology or Medicine has been awarded to Victor Ambros and Gary Ruvkun for the discovery of microRNA and its role in post-transcriptional gene regulation: The Nobel Prize pic.twitter.com/fK5HVaHVSN
— ANI (@ANI) October 7, 2024
माइक्रो आरएनए, छोटे आरएनए अणुओं का एक नया वर्ग है जो जीन विनियमन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विक्टर एम्ब्रोस और गैरी रुवकुन की खोज के बाद से माइक्रो आरएनए जीवों के विकास और उनके काम करने के तरीके के लिए मौलिक रूप से बहुत ही फायदेमंद साबित हो रहे हैं। स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल के नाम पर दिए जाने वाले इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को जीतने वाले को एक करोड़ 10 लाख स्वीडिश क्रोना (लगभग 10 लाख अमेरिकी डॉलर) की भारी भरकम रकम इनाम में दी जाती है। अगर विजेता एक से अधिक होते हैं तो उन्हें इस राशि को आपस में बांटना पड़ता है। एक कैटेगरी में अधिकतम तीन लोगों को नोबेल से सम्मानित किया जा सकता है।
नोबेल पुरस्कारों की सीरीज में चिकित्सा पुरस्कार पहला पुरस्कार है, जो विज्ञान, साहित्य और मानवीय प्रयासों के क्षेत्र में सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार माना जाता है। इसी क्रम में साल 2024 के भौतिकी के नोबेल पुरस्कार की घोषणा कल यानी मंगलवार को की जाएगी। जबकि रसायन के क्षेत्र में दिए जाने वाले नोबेल पुरस्कार विजेता के नाम का ऐलान बुधवार को किया जाएगा। पिछले साल 2023 में फिजियोलॉजी या मेडिसिन का नोबेल पुरस्कार भी दो वैज्ञानिकों को संयुक्त रूप से दिया गया था। वैज्ञानिक कैटालिन कारिको और वैज्ञानिक ड्रू वीसमैन को न्यूक्लियोसाइड बेस संशोधनों से संबंधित उनकी खोजों के लिए सम्मानित किया गया था। इन वैज्ञानिकों की इस खोज की वजह से कोरोना वायरस के खिलाफ प्रभावी एमआरएनए टीकों को बनाया जा सका।