बलूच महिला जो PM मोदी को मानती थी अपना भाई, संदिग्ध परिस्थितियों में हुई उसकी मौत, जानिए कौन है वह?

Baloch activist Karima Baloch found dead in Toronto: पाकिस्तान (Pakistan) की इमरान सरकार और सेना की बर्बरता के खिलाफ आवाज उठाने वाली बलूचिस्तान की एक्टिविस्ट करीमा बलोच (Baloch activist Karima Baloch) की कनाडा में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई।

Avatar Written by: December 22, 2020 2:22 pm

नई दिल्ली। पाकिस्तान (Pakistan) की इमरान सरकार और सेना की बर्बरता के खिलाफ आवाज उठाने वाली बलूचिस्तान की एक्टिविस्ट करीमा बलोच (Baloch activist Karima Baloch) की कनाडा में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। रविवार से लापता बताई जा रही महिला एक्टिविस्ट करीमा का शव टोरंटों में मिला है। फिलहाल करीमा की मौत की वजह साफ नहीं हो पाई है लेकिन इसके पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ होने की बातें सामने आ रही हैं।

Baloch activist Karima Baloch

आपको बता दें कि साल 2016 में रक्षाबंधन के मौके पर बलोच स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन की अध्यक्ष करीमा बलोच ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को अपना भाई बताते हुए एक भावुक वीडियो संदेश जारी किया था। साथ ही करीमा बलोच ने पीएम मोदी को राखी भी भेजी थी।

वीडियो संदेश में करीमा बलोच ने पीएम मोदी को भाई बताते हुए कहा था कि रक्षाबंधन के दिन बलूचिस्तान की एक बहन भाई मानकर आपसे कुछ कहना चाहती है। बलूचिस्तान में आज कितने ही भाई लापता हैं। कई भाई पाक सेना के हाथों मारे गए हैं। बलूचिस्तान की बहनें आज भी लापता भाइयों की राह तक रही हैं। लेकिन वो शायक कभी नहीं लौटेंगे। इस अवसर पर हम आपको ये कहना चाहते हैं कि आपको बलूचिस्तान की बहनें भाई मानती हैं। आप बलोच नरसंहार, युद्ध अपराध और मानवाधिकार हनन के खिलाफ अंतराष्ट्रीय मंचों पर बलोचों और बहनों की आवाज बनेंगे, जिनके कई भाई लापता है। हम अपनी  जंग खुद लड़ेगे, आप सिर्फ हमारी आवाज बन जाए। उस जंग की आवाज बन जाए और दुनिया के किसी भी कोने में आवाज पहुंचाएं हमें आपसे सिर्फ इतनी मदद चाहिए।

करीमा सालों से बलूचों पर पाकिस्तानी सेना और ISI के खिलाफ बर्बरता के खिलाफ आंदोलन चला रहीं थी। आपको बता दें कि एक्टिविस्ट करीमा बलोच को 2016 में दुनिया की सबसे प्रभावशाली 100 महिलाओं में शामिल किया गया था। वह ऐसी महिला थीं जिन्होंने पाकिस्तान के अत्याचार के खिलफ संयुक्त राष्ट्र में आवाज उठाई थी।