NASA DART Mission: पहली बार अंतरिक्ष में चट्टान से टकराया धरती का यान, NASA के ‘डार्ट मिशन’ की इस सफलता से धरती को बचाने में मिलेगी मदद
अंतरिक्ष में आवारा घूमते और स्थिर कक्षा न रखने वाले ऐसे पत्थरों और चट्टानों को एस्टेरॉयड Asteroid कहते हैं। आए दिन ऐसे पत्थर और चट्टानें धरती की ओर आने की खबरें मिलती हैं। नासा ने धरती के चारों तरफ 8000 से ज्यादा एस्टेरॉयड तलाशे हैं। ये धरती के लिए भविष्य में खतरनाक हो सकते हैं। इन एस्टेरॉयड में से कई के व्यास 460 फिट से ज्यादा हैं।
वॉशिंगटन। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने धरती पर जीवन के लिए बड़ी उपलब्धि हासिल की है। नासा ने पहली बार अपने एक अंतरिक्षयान को 70 लाख मील दूर अंतरिक्ष में घूमते एक पत्थर से टकरा दिया है। इस मिशन का नाम ‘डार्ट’ यानी Double Asteroid Redirection Test रखा गया था। इस टेस्ट के नतीजे आने बाकी हैं और तभी पता चल सकेगा कि नासा के अंतरिक्षयान की टक्कर से अंतरिक्ष का ये पत्थर अपनी कक्षा से कितने डिग्री हटा है। अगर ये 1 डिग्री भी हटा होगा, तो भविष्य में धरती की तरफ आने वाले ऐसे ही खतरनाक पत्थर और चट्टानों को दूर करने की दिशा में नासा और अन्य देशों के ऐसे ही यान सफल हो सकेंगे।
अंतरिक्ष में आवारा घूमते और स्थिर कक्षा न रखने वाले ऐसे पत्थरों और चट्टानों को एस्टेरॉयड Asteroid कहते हैं। आए दिन ऐसे पत्थर और चट्टानें धरती की ओर आने की खबरें मिलती हैं। नासा ने धरती के चारों तरफ 8000 से ज्यादा एस्टेरॉयड तलाशे हैं। ये धरती के लिए भविष्य में खतरनाक हो सकते हैं। इन एस्टेरॉयड में से कई के व्यास 460 फिट से ज्यादा हैं। एक भी ऐसा एस्टेरॉयड अगर धरती से टकराता है, तो अमेरिका जैसे बड़े देश के एक राज्य तक को नष्ट कर सकता है। ऐसे में नासा का अभियान ऐसे खतरनाक अंतरिक्ष चट्टानों से बचाव का रास्ता तलाशने की दिशा में बड़ा कदम है। नासा ने जिस अंतरिक्ष चट्टान के हिस्से पर यान से टक्कर मारी है, उसका नाम डाइमॉरफॉस है। इस चट्टान से नासा का यान आज तड़के करीब 22500 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से टकराया।
IMPACT SUCCESS! Watch from #DARTMIssion’s DRACO Camera, as the vending machine-sized spacecraft successfully collides with asteroid Dimorphos, which is the size of a football stadium and poses no threat to Earth. pic.twitter.com/7bXipPkjWD
— NASA (@NASA) September 26, 2022
डाइमॉरफॉस से टकराने से पहले नासा के यान ने इसके मूल डिडिमॉस नाम के एस्टरॉयड की मिट्टी, पत्थर और यौगिक संरचना को भी परखा और उसका डेटा धरती पर भेजा। डिडिमॉस का व्यास 2600 फिट है। डाइमॉरफॉस नाम की चट्टान इसके चारों तरफ चक्कर लगाती है। डाइमॉरफॉस का व्यास 525 फिट है। इस मिशन पर इटली के क्यूबसैट फॉर इमेजिंग एस्टेरॉयड्स नाम के यान ने नजर रखी। अब नासा के यान के टक्कर से डाइमॉरफॉस की कक्षा में बदलाव का डेटा आना है। इस डेटा पर वैज्ञानिकों की नजर है। क्योंकि अगर उसकी कक्षा बदली होगी, तो प्रयोग सफल माना जाएगा।