हो गया खुलासा, अक्टूबर में ही चीन में कोरोना ने दे दी थी दस्तक
कोरोनावायरस के सही आंकड़े छिपाने के आरोप में दुनिया के कई देशों ने चीन पर सवाल उठाए हैं। क्योंकि कोरोनावायरस की शुरआत चीन से ही हुई है और चीन इस तरह के वायरस से निपटने में सक्षम भी है।
नई दिल्ली। कोरोनावायरस के सही आंकड़े छिपाने के आरोप में दुनिया के कई देशों ने चीन पर सवाल उठाए हैं। क्योंकि कोरोनावायरस की शुरआत चीन से ही हुई है और चीन इस तरह के वायरस से निपटने में सक्षम भी है। फिर क्यों शुरुआत में ही इसके बारे में दुनिया को जानकारी नहीं दी गई। मौजूदा वक्त में दुनियाभर में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगभग 50 लाख पहुंचने जा रही है। बचाव के लिए लगातार लगाए जा रही बंदी के बीच वायरस के बारे में कई देशों को चीन और World Health Organisation (WHO) की भूमिका संदिग्ध लग रही है।
इसकी स्वतंत्र जांच की बात भी तय हो चुकी है। इसी बीच ये सामने आया है कि वायरस अक्टूबर में ही चीन में दस्तक दे चुका था। उस दौरान ये सुप्तावस्था में था, जो दिसंबर से सक्रिय हो गया।
क्या कहती है स्टडी
वायरस पर पड़ताल कर रही साइंस जर्नल Frontiers in Medicine में ये रिपोर्ट प्रकाशित हुई। इसके मुताबिक कोविड-19 को लोग दिसंबर से आया मान रहे हैं, जबकि ये अक्टूबर के दौरान ही शहर में फैलने लगा था। यूनिवर्सिटी ऑफ बार्सेलोना के वैज्ञानिकों ने ये रिसर्च की। इसके शोधकर्ता मार्क लोपेज और जॉर्डि सेरा-कॉबो का मानना है कि सुप्तावस्था से एकाएक सक्रिय होने और महामारी बनने के पीछे कई सामाजिक और जैविक कारण हैं। जैसे उस दौरान चीन के वुहान में एक काफी बड़ा आयोजन हुआ।
मिलिट्री वर्ल्ड गेम नामक इस प्रोग्राम में दुनियाभर की मिलिट्री से खिलाड़ी शामिल हुए। इस दौरान तरह-तरह के खाने की जरूरत और मांग काफी बढ़ी। इसे पूरा करने के लिए वुहान के वेट मार्केट (जहां मांस और फल-सब्जियां साथ-साथ मिलती हैं) के व्यापारी गोदामों में जिंदा और मुर्दा जानवर एक साथ रखने लगे। इससे संक्रमित जानवर (जो चमगादड़ माना जा रहा है) से वायरस हर जगह तेजी से फैलता चला गया।
इसी बीच चाइनीज न्यू ईयर ईयर (Chinese New Year) भी आया। तब दौरान संक्रमित लोग छुट्टियां बिताने के लिए दुनियाभर में फैल चुके थे। इस तरह से संक्रमण दुनिया के कोने-कोने में पहुंच गया। वैसे बता दें कि वायरस का केंद्र तो वुहान माना जा रहा है लेकिन अब तक ये साफ नहीं हुआ है कि इसकी वजह जानवर या लैब में हुई कोई लापरवाही। स्टडी में भी इसका इशारा मिलता है कि वायरस चमगादड़ या छिपकली जैसे किसी वाइल्ड एनिमल से लेकर लैब की दुर्घटना के कारण भी फैला हुआ मान सकते हैं, जब तक कोई प्रमाण न मिल जाए।
क्या है वायरस की सुप्तावस्था
इसे समझने के लिए वायरस की संरचना को समझना जरूरी है. असल में वायरस का अपना कोई कोशिकीय तंत्र नहीं होता। ये प्रोटीन के भीतर डीएनए या आरएनए का स्ट्रैंड होता है। इसकी बाहरी प्रोटीन की परत पर नुकीली संरचना होती है, जो इंसानी शरीर में घुसकर उसकी कोशिका से जुड़ने में मदद करती है। जब तक वायरस को होस्ट सेल नहीं मिलती है, वे सुप्तावस्था में रहते हैं यानी चुपचाप पड़े रहते हैं लेकिन जैसे ही ये किसी कोशिका के भीतर घुसते हैं, एक्टिव हो जाते हैं और अपनी कॉपीज बनाने लगते हैं। वायरस के एक्टिव होने को lytic stage कहते हैं।