अब बांग्लादेश को अपने पक्ष में करने के लिए चीन रच रहा है साजिश, देखिए क्या किया…

इसके अलावा नेपाल ने चीन के उकसावे में आकर भारत के साथ नए राजनीति नक्शे को विवाद को जन्म दे दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चीन लगातार नेपाल को भारत के खिलाफ भड़का रहा है।

Avatar Written by: June 21, 2020 3:09 pm

नई दिल्ली। गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद चीन अपनी चालों से बाज नहीं आ रहा है। भारत के साथ रिश्तों में तनाव आने के बाद चीन ने बाकी पड़ोसी देशों को अपने साथ लाने की जुगत में चालें चल रहा है। चीन अब प्रमुख रूप से अपनी व्यापारिक रणनीतियों को मजबूत कर रहा है। इसमें चीन ने अपना नया पैंतरा दिखाते हुए बांग्लादेश पर आर्थिक मेहरबानी दिखानी शुरू कर दी है।

India china army

यही नहीं चीन हमेशा से नेपाल को भी अपनी तरफ आकर्षित करने में लगा हुआ है और वो भारत के खिलाफ लगातार उकसाने की हरसंभव कोशिशें करता रहा है। बता दें कि सीमा पर संघर्ष के बीच चीन ने बांग्लादेश के लिए 5161 उत्पादों पर 97 प्रतिशत तक टैरिफ को खत्म करने का ऐलान कर दिया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार इसकी पुष्टि बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने कर दी है। चीन ने कहा है कि मत्स्य और चमड़ा समेत 5161 उत्पादों पर टैरिफ में छूट देगा।

China Bangladesh

दरअसल कोरोना महामारी के चलते बांग्लादेश अर्थव्यवस्था तंगी हालत से गुजर रही है। ऐसे में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बीते मई के महीने में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बातचीत भी की थी और आर्थिक मदद देने के बारे में पत्र लिखा था। चीन भारत के खिलाफ इसका फायदा उठाते हुए बांग्लादेश को व्यापारिक मोर्चों पर मदद करने की दिशा में कदम उठाया है।

आर्थिक मदद के नाम पर चीन की इस चाल पर बांग्लादेश काफी खुश है. बांग्लादेश ने एक बयान जारी कर कहा कि चीन वित्त मंत्रालय की तरफ से 16 जून को एक अधिसूचना जारी की गई है, जिसमें कहा गया है कि बांग्लादेश के 5161 उत्पादों को 97 प्रतिशत टैरिफ फ्री कर दिया गया है।

China Nepal

इसके अलावा नेपाल ने चीन के उकसावे में आकर भारत के साथ नए राजनीति नक्शे को विवाद को जन्म दे दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चीन लगातार नेपाल को भारत के खिलाफ भड़का रहा है। नेपाल ने नया नक्शा जारी करने के क्रम में भारत से बातचीत के प्रस्ताव को गंभीरता से नहीं लिया। यह दिखाता है कि नेपाल इस समय भारत से टकराहट के मूड में है। नेपाल ने नए नक्शे में लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को शामिल कर लिया है जबकि यह भारत के क्षेत्र में आता है।