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नए युग में चीन-म्यांमार संबंध की तीन नई प्रेरक शक्तियां : शी चिनफिंग

म्यांमार का मानना है कि ताईवान चीन का एक अखंड भाग है। म्यांमार चीन के साथ साझे हित वाले समुदाय की रचना करना चाहता है।

नई दिल्ली। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा कि वे वर्तमान यात्रा से तीन सूचनाएं देना चाहते हैं। यानी वे म्यांमार सरकार और जनता द्वारा अपने देश की परिस्थिति से मेल खाने वाले विकास के रास्ते का समर्थन करते हैं, म्यामांर के साथ साझे हित वाले समुदाय की रचना करते हैं, सक्रिय रूप से यथार्थ सहयोग को आगे बढ़ाते हैं। शी चिनफिंग की इन बातों ने नये युग में चीन-म्यांमार संबंध में नयी प्रेरक शक्ति डाली हैं।


म्यांमार के नेताओं के साथ मुलाकात में शी चिनफिंग ने जोर दिया कि चीन कभी दूसरों पर दबाव डालकर विदेश सहयोग नहीं करता है। चीन दूसरे देश के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप नहीं करता है। विश्व के विभिन्न देशों के साथ मेल से सह अस्तित्व कर आपसी लाभ और साझे हित को साकार करना चीन की विदेश नीति का प्राथमिक भाग है।

China Myanmar
म्यांमार के राष्ट्रपति विन म्यिंत ने मुलाकात में कहा कि चीन ने म्यांमार के आर्थिक और सामाजिक विकास को मदद दी है। म्यांमार एक चीन के सिद्धांत का कड़ाई से पालन करता है और हांगकांग व मकाओ में चीन की नीति का सम्मान करता है। म्यांमार का मानना है कि ताईवान चीन का एक अखंड भाग है। म्यांमार चीन के साथ साझे हित वाले समुदाय की रचना करना चाहता है।