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अपने आर्थिक गलियारे को बचाने के लिए पाकिस्तान को ड्रोन सप्लाई करेगा ड्रैगन

चीन पहले से ही एशिया और पश्चिम एशिया के कई देशों में टोही और स्ट्राइक ड्रोन विंग लूंग 2 बेच रहा है और सशस्त्र ड्रोन का सबसे बड़ा निर्यातक बन गया है।

नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा विवाद के बीच पाकिस्तान और चीन भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। भारत के साथ दोनों पड़ोसी देशों के रिश्ते तनावयुक्त हैं, ऐसे में चीन पाकिस्तान को ड्रोन स्पलाई की तैयारी में है। सूत्रों की मानें तो चीन जल्द ही पाकिस्तान को 4 ड्रोन सप्लाई करेगा और ये ड्रोन दक्षिण पाकिस्तान के बलूचिस्तान स्थित ग्वादर पोर्ट पर तैनात किया जाएगा।

Xi Jinping & Imran Khan

दरअसल ग्वादर पोर्ट चीन और पाकिस्तान का एक महत्वाकाक्षी योजना है। इस योजना में चीन ने 60 डॉलर बिलियन का निवेश किया किया है।। इसी निगरानी के लिए चीन पाकिस्तान को 4 ड्रोन सप्लाई करने जा रहा है। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार रविवार को चीन ने कहा कि पाकिस्तान को चार सशस्त्र ड्रोन की आपूर्ति करने की प्रक्रिया चल रही है, जो चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी के नए बेस की रक्षा करने के लिए ग्वादर बंदरगाह पर तैनात होगा।

ग्वादार बंदरगाह दक्षिण पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में स्थित है, जहां पर चीन का तकरीबन 60 डॉलर बिलियन का निवेश लगा हुआ है। चीन इसी बंदरगाह को सुरक्षित करने के बहाने पाकिस्तान को ड्रोन स्पलाई कर रहा है। हालांकि इसको लेकर चीन का असली मंसूबा कुछ और ही है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन द्वारा निर्मित 48 GJ-2 ड्रोन का उपयोग पाक के वायुसेना द्वारा किया जाएगा। बताया जा रहा है कि यह ड्रोन ग्वादर बंदरगाह की निगरानी का भी काम किया जाएगा।

बता दें कि चीन पहले से ही एशिया और पश्चिम एशिया के कई देशों में टोही और स्ट्राइक ड्रोन विंग लूंग 2 बेच रहा है और सशस्त्र ड्रोन का सबसे बड़ा निर्यातक बन गया है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के हथियार हस्तांतरण डेटाबेस के अनुसार चीन ने 2008 से 2018 तक कजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, अल्जीरिया, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात सहित एक दर्जन से अधिक देशों में 163 यूएवी वितरित किए थे।

इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लद्दाख दौरे की वजह से पाकिस्तान बौखला चुका है और अपनी सुरक्षा की चिंता सताने लगी है। इसी के चलते पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने पर चर्चा की। साथ ही कश्मीर मुद्दे और अफगानिस्तान में हालात पर भी बातचीत की। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत में कुरैशी ने कहा कि क्षेत्रीय सुरक्षा की स्थिति बिगड़ रही है और भारत का ‘आक्रामक रुख’ क्षेत्र की शांति को संकट में डाल रहा है।