नई दिल्ली। चीन की तानाशाही से पूरी दुनिया वाकिफ है। ऐसे में राष्ट्रपति शी जिनपिंग से टकराना अरबपति कारोबारी जैक मा को काफी भारी पड़ गया है। बता दें कि जैक मा पिछले दो महीनों से लापता हैं। खबरें आ रही हैं कि जैक मा को लेकर पिछले दो महीने से कोई खबर नहीं आई। बता दें कि जैक मा अलीबाबा जैसे ग्रुप के मालिक हैं और चीन के तीसरे सबसे बड़े अरबपति कारोबारी भी, लेकिन उनका अप्रत्यक्ष रूप से चीनी राष्ट्रपति की आलोचना करना अब उन्हें ही भारी पड़ रहा है। बता दें कि पिछले दो महीने से किसी ने भी जैक मा को नहीं देखा। इतना ही नहीं, जैक मा इतने ही समय से किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में नजर नहीं आए हैं। गौरतलब है कि कुछ समय पहले एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से चीनी सरकार की आलोचना की थी। दरअसल जैक मा ने एक कार्यक्रम में चीन के सरकारी बैंकों और ‘ब्याजखोर’ वित्तीय नियामकों की तीखी आलोचना की थी।
बता दें कि चीन के सरकारी बैंकों को लेकर जैक मा ने पिछले साल शंघाई में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान एक मोटिवेशनल स्पीच दी थी। जैक मा एक मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में भी चर्चित हैं। इस दौरान जैक मा ने जिनपिंग सरकार से आग्रह किया था कि इस तरह की प्रणाली में बदलाव किया जो व्यापार में नए प्रयासों को दबाने का प्रयास करते हैं। उन्होंने वैश्विक बैंकिंग नियमों को ‘बुजुर्गों लोगों का क्लब’ करार दिया था।
जैक मा के इस बयान के बाद उनके खिलाफ चीन ने कड़े कदम उठाने शुरू कर दिये हैं। द वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, बीजिंग में अधिकारियों ने नवंबर माह के दौरान राष्ट्रपति शी के सीधे आदेश पर अपने उनके एंट ग्रुप के 37 अरब डॉलर के आईपीओ को निलंबित कर दिया। इतना ही नहीं उनके अन्य बिजनेस के खिलाफ चीन अब असाधारण प्रतिबंध लगाने जैसे कदम उठाना शुरू कर दिया है। इसके बाद चीनी सरकार ने सीधे आदेश दिया कि जब तक अलीबाबा ग्रुप के खिलाफ जांच पूरी नहीं हो जाती है उन्हें देश से बाहर ना जाने दिया जाए।
ऐसे में अलीबाबा को नुकसान उठाना पड़ रहा है। बता दें कि एंटी-मोनोपॉली जांच के कारण अलीबाबा के शेयरों में अक्टूबर के भाषण के तुरंत बाद एक चौथाई की गिरावट आई थी और उन्हें 10 बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ था। इसके परिणामस्वरूप जैक मा को चीन के सबसे धनी लोगों की सूची में निराशा हाथ लगी है। बता दें कि जैक मा अब तीसरे नंबर पर खिसक गए हैं। जबकि उनसे आगे पिंडुओदुओ के मुख्य कार्यकारी कोलिन हुआंग और टोंस होल्डिंग्स के पोनी मा हुआतेंग थे।
जैक मा अक्सर सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले शख्स हैं, लेकिन पिछले काफी लंबे समय से जैक मा ने एक भी ट्वीट नहीं किया है। वैसे चीन में ये पहली बार नहीं है कि कोई शख्स लापता हुआ है। चीनी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने या फिर आलोचना करने वाले शख्स के साथ ऐसा व्यवहार होता रहा है।
इससे पहले 2017 में चीन के कुख्यात भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के दौरान कई अरबपति गायब हो गए थे। इतना ही नहीं पिछले दिनों ही एक महिला को भी जेल भेजा गया। इस पत्रकार ने कोरोना को लेकर चीन का असली चेहरा दुनिया के सामने रखना चाहा था। वहीं वुहान में कोरोना वायरस का खुलासा करने वाले डॉक्टर की पिछले साल संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी।