नई दिल्ली। पाकिस्तान के कराची में गृह युद्ध जैसे हालात बन गए हैं, यहां सेना और पुलिस आमने-सामने आ चुकी है। आलम ये है कि सेना ने पुलिस के 10 अफसरों को मौत के घाट उतार दिया है। इस हालात में कराची तनाव ही तनाव पसरा हुआ है। बता दें कि पाकिस्तान में पुलिस ने सेना के खिलाफ सिंध प्रांत में बगावत कर दी है। दरअसल यह विवाद नवाज शरीफ के दामाद रिटायर्ड कैप्टन मुहम्मद सफदर की गिरफ्तारी के बाद खड़ा हुआ है। गौरतलब है कि कराची में विपक्ष की रैली के बाद 18 अक्टूबर की रात सफदर को होटल से गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि पाकिस्तानी सेना के अफसरों ने सिंध के आईजीपी मुश्ताक महार का अपहरण कर लिया था और उनसे जबरन शरीफ के दामाद सफदर के खिलाफ एफआईआर पर दस्तखत लिए गए। इसके विरोध में सिंध पुलिस के आईजीपी मुश्ताक महार ने छुट्टी पर जाने का एलान कर दिया।
आईजी के नक्शेकदम पर चलते हुए सिंध के 50 से ज्यादा पुलिस अधिकारियों ने छुट्टी का आवेदन कर दिया। इस, बगावत के बाद सेना ने मान मनौव्वल का मिशन शुरू किया। इसको लेकर पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने मंगलवार को जांच के आदेश दिए हैं। लेकिन बात बनती नहीं दिखाई दी। इस मामले में पाकिस्तानी सेना के मीडिया विभाग ने एक बयान जारी किया। इस बयान में कहा गया है कि सेना प्रमुख जनरल बाजवा ने कराची के कॉर्प कमांडर को मामले की जांच तुरंत कर जल्द से जल्द एक रिपोर्ट भेजने के कहा है लेकिन सेना की ओर से जारी इस बयान में पुलिस और सेना के बीच मुठभेड़ की खबर के बारे में कुछ नहीं कहा गया है।
इससे पहले पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के चेयरपर्सन बिलावल भुट्टो-जरदारी ने कराची में सफदर की गिरफ्तारी के वक्त परिस्थितियों की जांच की मांग की थी।
वहीं कराची के इस हालात पर ट्विटर पर द इंटरनेशल हेराल्ड ने बताया कि ‘सिंध पुलिस और पाकिस्तान सेना के बीच इस दौरान गोलीबारी भी हुई, जिसमें कराची के 10 पुलिस अधिकारियों की मौत हो गई। इस गोलीबारी के बाद वहां ‘गृह युद्ध’ छिड़ गया है।’ हालांकि पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन ने ऐसी कोई खबर नहीं दी है।
बता दें कि पाकिस्तानी अखबार इंटरनेशनल हेराल्ड ने भी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि 18/19 अक्टूबर की रात कराची में सिविल वार जैसी स्थिति बन गयी थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी सेना और सिंध पुलिस के बीच कई जगह फायरिंग भी हुई थी। बाद में सफ़दर को गिरफ्तार कर लिया गया था।