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कोरोना को लेकर अब डराने लगा WHO, कहा अगले इतने साल तक Covid-19 का वैक्सीन मिलना मुश्किल

डेविड नाबरो ने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमें अगले दो साल तक इस वायरस के साथ ही रहने की आदत डाल लेनी चाहिए। दुनियाभर में मौजूद 7.8 बिलियन लोगों को भी इसके बारे में सोचना होगा और समय के हिसाब से अपने आपको भी बदलना होगा।’

नई दिल्ली। दुनियाभर में कोरोना महामारी का प्रकोप तेजी से बढ़ता जा रहा है। दुनियाभर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 40 लाख को पार कर चुकी है जबकि मरने वालों की संख्या तीन लाख के करीब पहुंचने वाली है। इन सबके बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोनावायरस की वैक्सीन से जुड़ी एक बड़ी खबर दी है। डब्ल्यूएचओ के विशेष प्रतिनिधि डॉ. डेविड नाबरो के ने कहा कि मुझे बि​ल्कुल भी उम्मीद नहीं है कि दो साल से पहले कोरोनावायरस का टीका आ सकेगा। टीके का इंतजार करने से बेहतर है कि दुनियाभर के लोग अब कोरोनावायरस के साथ जीना सीख लें।

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डेविड नाबरो ने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमें अगले दो साल तक इस वायरस के साथ ही रहने की आदत डाल लेनी चाहिए। दुनियाभर में मौजूद 7.8 बिलियन लोगों को भी इसके बारे में सोचना होगा और समय के हिसाब से अपने आपको भी बदलना होगा।’

इस दौरान नाबरो ने कोरोना से जारी जंग में भारत की तैयारी की सराहना की है। डेविड नाबरो ने कहा कि वह कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए भारत की ओर से सही समय पर उठाए गए कदम और कठिन कार्यों की सराहना करते हैं।

उन्होंने कहा कि भारत में समय रहते देश में लॉकडाउन की घोषणा की गई। जिसका असर है कि भारत जैसे देश में कोरोना की रफ्तार अभी भी बहुत तेज नहीं है। भारत में जिस तरह से राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के अलावा आइसोलेशन और कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्को का पता लगाने का प्रयास किया है उसका नजीता है कि भारत में कोरोना का संक्रमित मरीजों का नंबर अभी भी कंट्रोल में है।

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डेविड नाबरो ने कहा कि भारत में लॉकाडउन को जल्दी लागू करना एक दूर की सोच थी। यह सरकार का एक साहसिक फैसला था। सरकार को इस दौरान कई तरह की दिक्कत का सामना करना पड़ा लेकिन भारत की जनता को कोरोनावायरस के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ने का मौका मिला।

डेविड नाबरों ने कहा कि भारत में लॉकडाउन को काफी ​जल्दी लागू किया गया था। भारत में 24 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई थी। ये फैसला तब अमल में लाया गया जब यहां पर कोरोना के काफी कम मामले थे। निश्चित तौर पर भारत सरकार की ओर से उठाया गया कदम उसकी दूरदर्शी सोच को बताता है।

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उन्होंने कहा कि हम मानते हैं कि इस फैसले से बहुत से लोगों को दिक्कत भी हुई लेकिन अगर समय पर इसे लागू नहीं किया जाता तो बहुत सी जान जा सकती थीं। नाबरो ने कहा कि अभी भी खतरा कम नहीं हुआ है। हमें लॉकडाउन में छूट के बाद भी सोशल या फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा और हमें अब इसी तरह आगे भी वायरस के साथ जीना शुरू करना होगा।