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गुस्से में बोल पड़े ट्रंप, नहीं करना चाहता शी जिनपिंग से बात

कोरोनावायरस संक्रमण काल के दौरान अमेरिका और चीन के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर लगातार जारी है। अमेरिकी सरकार चीन पर कोरोनावायरस से जुड़ी शुरुआती जानकारियां छिपाने के आरोप लगा रही है।

नई दिल्ली। कोरोनावायरस संक्रमण काल के दौरान अमेरिका और चीन के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर लगातार जारी है। अमेरिकी सरकार चीन पर कोरोनावायरस से जुड़ी शुरुआती जानकारियां छिपाने के आरोप लगा रही है। तो वहीं चीन भी ये कहता हुआ नजर आया कि अमेरिका ही कोरोनावायरस की शुरुआत के लिए जिम्मेदार है। इसी कड़ी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर चीन पर भड़क गए हैं। उन्होंने कहा है कि वे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बात नहीं करना चाहते हैं।

दरअसल, व्हाइट हाउस की प्रेस ब्रीफिंग में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि हम अभी उनसे बात नहीं करना चाहते हैं। हम देखेंगे कि अगले थोड़े समय में क्या होता है। इस साल की शुरुआत में हुई ट्रेड डील के अनुसार चीन पिछले साल की तुलना में ज्यादा अमेरिकी सामान खरीद रहा है। इस पर डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘वे ट्रेड डील पर काफी खर्च कर रहे हैं, लेकिन मैं खुश नहीं हूं, आप समझ सकते हैं।

वहीं इससे पहले ट्रेड डील के बारे में ट्रंप ने कहा कि वह ट्रेड डील के बारे में बात नहीं करना चाहते हैं। ट्रंप ने कहा कि मैं इसके बारे में बात नहीं करना चाहता। मैं कह सकता हूं कि चीन हमारे काफी उत्पाद खरीद रहा है, लेकिन ट्रेड डील की अभी इंक सूखी भी नहीं थी कि चीन से यह (कोरोना वायरस) आ गया।

ट्रंप ने आगे कहा कि ऐसा कभी नहीं होना चाहिए था, यह वायरस चीन से आया है. दुनिया से बाहर निकलने से पहले इसे चीन में रोक दिया जाना चाहिए था। कुल 186 देश प्रभावित हुए हैं। रूस बुरी तरह प्रभावित है, फ्रांस बुरी तरह प्रभावित है. आप किसी भी देश की ओर देखिए और आप यह कह सकते हैं कि वह प्रभावित है या यह कह सकते हैं कि वह संक्रमित है।

इस दौरान व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव कायले मैकेनानी ने संवाददाताओं से कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप चीन से निराश हैं। उन्होंने कहा कि मैं इसे राष्ट्रपति के पास छोड़ दूंगा, जब वह चीनी नेता के साथ बोलना फिर से शुरू करेंगे। लेकिन चीन काफी धीमा रहा। हम जानते हैं कि यह बीमारी चीन से आई थी, और उस जानकारी को साझा क्यों नहीं किया गया।

Mike pompeo

इसी बीच, अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि ट्रंप प्रशासन अमेरिकी नागरिकों की निजता या विश्वभर में आने पीढ़ी की अखंडता को कमजोर करने के चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रयासों को सहन नहीं करेगा।

एक तथ्य यह भी है कि पिछले कई हफ्तों से ट्रंप पर चीन के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बढ़ रहा है। सांसदों और मामले के जानकारों का कहना है कि चीन की निष्क्रियता की वजह से वुहान से दुनियाभर में कोरोना वायरस फैला है। और यही कारण है कि ट्रंप बार-बार चीन और विश्व स्वास्थ्य संगठन को धमकी देते रहते हैं।

Trump jinping

मालूम हो कि कोरोना वायरस के कारण विश्वभर में 45 लाख लोग संक्रमित हुए हैं और तीन लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। यह आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं।