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खुशखबरीः अमेरिकी कंपनी ने बताया कोरोना की वैक्सीन बनाने के शुरुआती नतीजे आशाजनक

अमेरिका से सोमवार को एक अच्छी खबर सामने आई। कोरोना वायरस का टीका विकसित करने से जुड़े एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में अमेरिका की एक जैव प्रौद्योगिकी कंपनी ने सोमवार को कहा कि लोगों में टीके के शुरुआती परीक्षण के परिणाम आशाजनक रहे हैं।

वॉशिंगटन। इस वक्त पूरी दुनिया में कोरोनावायरस ने कोहराम मचा रखा है। इस वायरस के खिलाफ लड़ाई में पूरी दुनिया एक साथ नजर आ रही है। दूसरी तरफ कोरोनावायरस दिन प्रतिदिन अपने लक्षणों को बदलता जा रहा है। जिसकी वजह से अब वैज्ञानिकों को इससे जुड़ी रिसर्च करने में कुछ दिक्कतें आ रही हैं। मगर इसके बावजूद भी इसकी वैक्सीन बनाने पर काम चल रहा है। इस वायरस पर काबू पाने के लिए टीके की खोज में कई देश जुटे हुए हैं, जिनमें भारत, अमेरिका, चीन, जर्मनी और फ्रांस शामिल हैं।

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इस बीच अमेरिका से सोमवार को एक अच्छी खबर सामने आई। कोरोना वायरस का टीका विकसित करने से जुड़े एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में अमेरिका की एक जैव प्रौद्योगिकी कंपनी ने सोमवार को कहा कि लोगों में टीके के शुरुआती परीक्षण के परिणाम आशाजनक रहे हैं।

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अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी खबर के अनुसार मॉडर्ना नामक कंपनी ने कहा कि लोगों में परखा जाने वाला पहला कोरोनावायरस का टीका सुरक्षित प्रतीत होता है। कंपनी ने कहा कि परीक्षण परिणाम 8 स्वस्थ स्वयंसेवियों पर आधारित हैं जिनमें से प्रत्येक को टीके की 2-2 खुराक दी गईं। आपको बता दें कि यह परीक्षण मार्च से शुरू हुआ। कंपनी ने कहा कि जिन लोगों को खुराक दी गईं, उनके शरीर में एंटीबॉडीज बनीं जिनका जब प्रयोगशाला में परीक्षण किया गया तो वे विषाणु को प्रतिकृति बनाने से रोकने में सक्षम थीं।

Oxford University Corona Vaccine

कंपनी ने आगे कहा कि इसके बाद इन तथाकथित एंटीबॉडीज के स्तर का मिलान उन लोगों की एंटीबॉडीज के स्तर से किया गया जो कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद ठीक हुए थे। ‘मॉडर्ना’ ने कहा कि वह परीक्षण के दूसरे चरण में 600 लोगों को शामिल करेगी जो जल्द शुरू होगा। इसने कहा कि परीक्षण का तीसरा चरण जुलाई में शुरू होगा जिसमें हजारों लोगों को शामिल किया जाएगा। एफडीए ने ‘मॉडर्ना’ को परीक्षण के दूसरे चरण पर आगे बढ़ने की मंजूरी दे दी है।