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ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने छह बंदरों पर किया कोरोना वैक्सीन का टेस्ट, इतने दिनों में बनने लगी एंटीबॉडी

इस बीच ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कोविड-19 के इलाज के लिए बनाई गई वैक्सीन को छह बंदरों पर टेस्ट किया है। टेस्ट के परिणाम सकारात्मक आए हैं।

लंदन। कोरोनावायरस की वैक्सीन को लेकर दुनियाभर में कई तरह के शोध चल रहे हैं। बड़ी बड़ी फार्मा कंपनियां और इंस्टिट्यूट मिलकर इस महामारी का तोड़ खोज रहे हैं। लेकिन अबतक कोई संतोषजनक परिणाम सामने नहीं आया है। इस बीच ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कोविड-19 के इलाज के लिए बनाई गई वैक्सीन को छह बंदरों पर टेस्ट किया है। टेस्ट के परिणाम सकारात्मक आए हैं। इस वैक्सीन का इंसानों पर भी टेस्ट किया जा रहा है। करीब 1000 वॉलंटियरों ने क्लीनिकल ट्रायल्स में भाग लिया है।

‘सीएचएडीऑक्स1 एनसीओवी-19’ नाम की इस वैक्सीन का छह रीसस मकाऊ बंदरों पर टेस्ट किया गया। इन बंदरों में टेस्ट से यह पता चल सकेगा कि वैक्सीन इंसानों पर कैसा प्रभाव डालेगी, क्योंकि दोनों का इम्यून सिस्टम एक जैसा है। हालांकि, इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि इंसानों में परिणाम इतने अच्छे ही आएंगे।

शोधकर्ताओं ने बताया कि कोविड-19 से संक्रमित बंदरों को दो ग्रुप में बांटा गया था। इस दौरान जिनको वैक्सीन का इंजेक्शन लगाया गया था, उनकी हालत दूसरों से बेहतर थी। उनमें 14 दिनों के भीतर एंटीबॉडी बनने लगी थी। इससे यह सामने आया कि ‘सीएचएडीऑक्स1 एनसीओवी-19’ का रीसस मकाऊ बंदरों पर परिणाम बेहतर है।

अमेरिका में किया गया टेस्ट

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी सरकार के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने अमेरिका में यह परीक्षण किया था। इस वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ग्रुप और ऑक्सफोर्ड के जेनर इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने बनाया है।

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इंसानों पर भी चल रहा है वैक्सीन का ट्रायल

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इंसानों पर भी वैक्सीन का परीक्षण शुरू कर दिया है। यह परीक्षण तीन चरणों में होना है। पहले चरण के परिणाम सकारात्मक मिलते ही, आगे का परीक्षण शुरू किया जाएगा। दुनियाभर में अभी 100 वैक्सीन पर शोध चल रहा है।