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कोरोनावायरसः एक और खुशखबरी, ब्रिटेन में कोविड 19 वैक्सीन का ट्रायल शुरू

कोरोना वायरस की चपेट में बुरी तरह फंसे यूरोप में वैश्विक महामारी से लड़ने वाली कथित वैक्सीन का मानवीय परीक्षण ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड में शुरू हो जाने के बाद नज़रें अब इस प्रयोग के नतीजे पर हैं।

नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के खिलाफ दुनिया एक बड़ी जंग लड़ रही है। विश्व के कई बड़े वैज्ञानिक लगातार कोरोनावायरस का इलाज ढूंढने की कोशिश में जुटे हुए हैं। वही बड़ी से बड़ी फार्मासिटिकल कंपनियां कोविड-19 की वैक्सीन ढूंढने का प्रयास कर रही हैं। इस बीच कोरोना वायरस की चपेट में बुरी तरह फंसे यूरोप में वैश्विक महामारी से लड़ने वाली कथित वैक्सीन का मानवीय परीक्षण ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड में शुरू हो जाने के बाद नज़रें अब इस प्रयोग के नतीजे पर हैं। इस वैक्सीन के बारे में अध्यय करने के लिए जिन 800 वॉलेंटियरों को चुना गया है, उनमें से दो को सबसे पहले गुरुवार को यह वैक्सीन दिए जाने की खबरें हैं।

Oxford University Corona Vaccine

गौरतलब है कि इस महामारी कोविड 19 का सबसे ज़्यादा कहर अमेरिका के बाद यूरोप में ही बरपा है और वहां से इस तरह की सकारात्मक खबर आना एक बड़ी आबादी के लिए उम्मीद की किरण जगाता है। हालांकि वैक्सीन के जल्दबाज़ी में किए जा रहे प्रयोगों को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं, लेकिन इस बीच शुरू हुए मानवीय ट्रायल के बाद अब जानना यह चाहिए कि यह वैक्सीन कैसी है और कितनी सुरक्षित साबित हो सकती है। गौरतलब है की दुनिया के कई देश कोरोनावायरस की वैक्सीन बनाने का दावा कर चुके हैं लेकिन ह्यूमन ट्रायल में अभी तक कोई भी व्यक्ति सफल नहीं हो सकी है।

मगर ये वैक्सीन ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में वैक्सीनोलॉजी की प्रोफेसर सारा गिलबर्ट के निर्देशन में एक टीम ने तीन महीने में यह वैक्सीन तैयार की गई है, और फिर इसका परीक्षण शुरू किया गया। इस वैक्सीन के बारे में पहले 80% विश्वास जताने वाली सारा ने कहा कि उन्हें इस वैक्सीन पर बहुत ज़्यादा विश्वास है और वह इसे लेकर काफी उम्मीद जोड़े हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ‘बेशक, हमें डेटा जुटाकर साबित करना होगा कि यह वैक्सीन वाकई कारगर है और टीका पहले ही लगने से कोरोना वायरस संक्रमण से बचा जा सकेगा।

coronavirus vaccine covid 19

रिसर्च टीम के मुताबिक जिन वॉलेंटियरों पर इस वैक्सीन का ट्रायल किया जा रहा है, उन्हें आने वाले कुछ महीनों में पूरी निगरानी में रखा जाएगा। इन्हें बताया गया है कि टीके के कारण संभवत: पहले दो दिनों में बांह में सूजन या दर्द, सिरदर्द या बुखार जैसा महसूस हो सकता है। इसके साथ ही, इसके बारे में भी वॉलेंटियर्स चेताया गया है कि जैसा कि सार्स की जानवरों की वैक्सीन स्टडी में देखा गया था, टीके में मौजूद वायरस के कारण कोरोना वायरस संबंधी कोई रिएक्शन भी दिखने का सैद्धांतिक जोखिम है।

bcg vaccine

इस समय टीका निर्माता टीम का कहना है कि इस टीके से कोई और गंभीर बीमारी होने के खतरे बहुत ही कम पाए गए हैं। गौरतलब है की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में वैक्सीनोलॉजी टीम द्वारा किए गए शोध के बाद कोविड-19 से जंग लड़ रहे लोगों के लिए एक उम्मीद जगी है।