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Donald Trump And Iran: ईरान-इजरायल की जंग में अब तक 400 से ज्यादा ने गंवाई जान, डोनाल्ड ट्रंप बोले- नहीं बनाने दे सकते परमाणु हथियार…लोग तेहरान खाली करें, खामनेई के देश ने भी दी ये धमकी

Donald Trump And Iran: ट्रंप के इस पोस्ट से तय है कि ईरान के खिलाफ इजरायल के हमले और तेज होने वाले हैं। खबर ये भी है कि ट्रंप जी-7 शिखर सम्मेलन से जल्दी अमेरिका लौट रहे हैं और उन्होंने अपने यहां राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई है। डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ही अमेरिका के सबसे बड़े विमानवाहक पोत यूएसएस निमित्ज को फारस की खाड़ी की ओर रवाना किया है। साथ ही मध्य-पूर्व के सैन्य ठिकानों पर बड़ी तादाद में सैनिकों की भी तैनाती की है।

तेहरान/तेल अवीव। ईरान और इजरायल का युद्ध सोमवार को चौथे दिन भी जारी रहा। ईरान ने जहां इजरायल पर मिसाइलों की झड़ी लगा दी। वहीं, इजरायल ने भी ईरान की राजधानी तेहरान समेत कई जगह विमानों से बम बरसाए। इजरायल की बमबारी से ईरान में 400 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और 1000 से ज्यादा घायल हैं। वहीं, ईरान के मिसाइल हमलों के कारण 20 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और दर्जनों घायल हैं। इस बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को ईरान को चेतावनी दी है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ के जरिए ट्रंप ने ईरान को ये चेतावनी दी।

डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रुथ पर अपने पोस्ट में लिखा कि ईरान को उस समझौते पर दस्तखत करना चाहिए था, जिस पर मैंने उनको हस्ताक्षर करने के लिए कहा था। ट्रंप ने लिखा कि ये कितनी शर्म की बात है कि मानव जीवन खत्म हो रहा है। ट्रंप ने कहा कि खुले और सीधे शब्दों में कहें, तो ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं हो सकता। ट्रंप के मुताबिक उन्होंने बार-बार ये कहा है। ट्रंप ने आगे लिखा कि सभी को तुरंत तेहरान खाली करना चाहिए। ट्रंप के इस पोस्ट से तय है कि ईरान के खिलाफ इजरायल के हमले और तेज होने वाले हैं। खबर ये भी है कि ट्रंप जी-7 शिखर सम्मेलन से जल्दी अमेरिका लौट रहे हैं और उन्होंने अपने यहां राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई है।

दूसरी तरफ, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को ईरान के राजदूत आमिर सईद इरावानी ने चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में ईरान की सरकार की ओर से कहा गया है कि इजरायल के सैन्य ठिकानों और उससे जुड़े बुनियादी ढांचों पर अनुपात में रक्षात्मक हमला किया गया है। ईरान ने इस चिट्ठी में ये भी लिखा है कि अगर कोई तीसरा देश इजरायल को उस पर हमले में सहयोग देता है, तो उसे भी इसका नतीजा भुगतना होगा। इसके लिए ईरान ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर का हवाला दिया है। ईरान की सरकार पहले ही कह चुकी है कि अगर अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने इजरायल के पक्ष में हमला किया, तो मध्य-पूर्व में उनके सैन्य ठिकानों को भी निशाना बनाया जाएगा। वहीं, ट्रंप ने कहा था कि अगर अमेरिका या उसके ठिकानों पर हमला हुआ, तो ऐसा जवाब दिया जाएगा जैसा पहले किसी ने नहीं देखा है।