वॉशिंगटन। अमेरिका का राष्ट्रपति पद संभालने से ठीक पहले डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत ब्रिक्स संगठन के देशों को धमकी दी है। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगर ब्रिक्स के देशों ने अमेरिका के डॉलर को कमजोर करने या अपनी नई करेंसी जारी करने की कोशिश की, तो इन देशों के उत्पादों पर वो 100 फीसदी टैरिफ लगा देंगे। ब्रिक्स में भारत के अलावा रूस, चीन, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील भी मुख्य तौर पर संस्थापक देश हैं। साथ ही ब्रिक्स संगठन में यूएई, ईरान, मिस्र और इथियोपिया को भी सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है। ब्रिक्स के कुछ नेताओं ने संगठन की अपनी अलग करेंसी जारी करने के लिए बयान दिए हैं। भारत ऐसी करेंसी जारी करने के बारे में अब तक न्यूट्रल है।
The idea that the BRICS Countries are trying to move away from the Dollar while we stand by and watch is OVER. We require a commitment from these Countries that they will neither create a new BRICS Currency, nor back any other Currency to replace the mighty U.S. Dollar or, they…
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) November 30, 2024
अब ब्रिक्स देशों को डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि ब्रिक्स संगठन के देश डॉलर से दूर जाने की कोशिश कर रहे हैं। ट्रंप ने कहा कि हमें ब्रिक्स देशों से प्रतिबद्धता चाहिए कि वे अपने संगठन के लिए अलग करेंसी नहीं बनाएंगे। साथ ही डॉलर या किसी अन्य करेंसी का समर्थन भी नहीं करेंगे। अगर ब्रिक्स देशों ने ऐसा न किया, तो उनको 100 फीसदी टैरिफ का सामना करना होगा। ट्रंप ने कहा कि अगर अलग करेंसी लाए, तो ब्रिक्स देशों को अमेरिका में अपना सामान भी नहीं बेचने दिया जाएगा। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि इसकी कोई संभावना नहीं कि ब्रिक्स के देश अंतरराष्ट्रीय कारोबार में डॉलर की जगह लें। बता दें कि पिछले साल दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स के शिखर सम्मेलन में ब्राजील की तरफ से अलग करेंसी का प्रस्ताव रखा गया था। वहीं, भारत ने इस प्रस्ताव का विरोध किया था।
भारत की तरफ से मोदी सरकार में विदेश मंत्री एस. जयशंकर पहले ही कह चुके हैं कि ये राजनीतिक या रणनीतिक नीति का हिस्सा नहीं है। भारत ने कभी डॉलर को सक्रिय रूप से लक्ष्य पर नहीं रखा। दरअसल, ब्रिक्स की अलग करेंसी की मांग ने रूस और यूक्रेन के बीच जंग शुरू होने के बाद से जोर पकड़ा है। रूस पर अमेरिका ने कई प्रतिबंध लगा रखे हैं। ऐसे में रूस जो भी कारोबार कर रहा है, उसके लिए संबंधित देश की मुद्रा और सोना वो ले रहा है। भारत और रूस का कारोबार भी रुपए और रूबल में चल रहा है। अब सबकी नजर इस पर है कि डोनाल्ड ट्रंप की ताजा धमकी पर ब्रिक्स के सदस्य देश खासकर रूस क्या प्रतिक्रिया देता है।