नई दिल्ली। भारत के खिलाफ आग उगले वाले पाकिस्तान और उसके सहयोगी तुर्की दोनों को बड़ा झटका लगा है। वैश्विक वित्तीय निगरानी संस्थाय फाइनैंशल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तांन को दोहरा झटका देते हुए उसे ग्रे लिस्टप में बरकरार रखा है साथ ही उसके सहयोगी तुर्की को भी आतंकियों को पालने के आरोप में ग्रे लिस्ट में डाल दिया है। तुर्की वो देश है जो पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखे जाने का विरोध करता था। अब वो खुद पाकिस्तान के साथ इस लिस्ट में है ऐसे में दोनों की ही मुश्किलें बढ़ गई है। पाक और तुर्की पर की गई ये कार्यवाही भारत के लिए एक कामयाबी है जो उसे FATF में मिली है।
पाकिस्तान के आरोप का किया खंडन
भारत के दबाव में आकर पाकिस्ताेन को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखने के आरोप का खंडन करते हुए एफएटीएफ के अध्यक्ष डॉ मार्कस प्लेयर ने कहा कि पाकिस्तानन को गंभीरता के साथ ये दिखाना होगा कि वो प्रतिबंधित आतंकियों और आतंकी संगठनों के खिलाफ जांच और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई ठोस तरीके से कर रहा है। उन्होंंने कहा कि एफएटीएफ एक तकनीकी निकाय है और हम अपना फैसला आम सहमति से लेते हैं। पाकिस्ताउनी दावे की हवा निकालते हुए हुए एफएटीएफ ने ये भी कहा कि पाकिस्ताैन तो तब तक इस लिस्ट में रहना होगा जब तक की वो साबित नहीं कर देता कि जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद और जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूद अजहर के खिलाफ जरूरी कार्रवाई की जा रही है। इन आतंकियों को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादियों के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
पाकिस्तान के गुरू तुर्की को भी झटका देते हुए उसे ग्रे लिस्टा में डाल दिया गया है। आरोप है कि तुर्की मनी लॉन्ड्रिंग को बढ़ावा और आतंकियों का वित्तगपोषण कर रहा है। यही कारण है कि उसे ग्रे लिस्टन में डाल दिया गया है।
आपको बता दें, बीते दिनों एक कार्यक्रम में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि मोदी सरकार के प्रयासों का नतीजा है कि पाकिस्तान को FATF की ग्रे सूची में डाला गया है। उन्होंाने आगे कहा, “FATF आतंकवाद के लिए फंडिंग पर नजर रखता है और आतंकवाद का समर्थन करने वाले काले धन से निपटता है। हमारी वजह से पाकिस्तान FATF की नजरों में है और उसे ग्रे लिस्ट में रखा गया है। हम पाकिस्तान पर दबाव बनाने में सफल रहे हैं और तथ्य यह है कि पाकिस्तान का व्यवहार बदल गया है क्योंकि भारत की ओर से कई प्रकार से दबाव डाला गया है।”