भारत में नई शिक्षा नीति में चीनी भाषा को नहीं दी गई जगह, ड्रैगन हो उठा परेशान

दूतावास की ओर से कहा गया, ‘इन सालों में कंफ्यूशियस संस्थानों ने भारत में चीनी भाषा शिक्षण को बढ़ावा देने और चीन-भारत के लोगों में सांस्कृतिक आदान-प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसे भारतीय शिक्षा समुदाय द्वारा मान्यता मिली हुई है।’

Avatar Written by: August 4, 2020 4:21 pm

नई दिल्ली। सीमा विवाद के बीच चीन की बौखलहाट एक बार फिर सामने आई है। दरअसल मोदी कैबिनेट ने हाल ही में जारी की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में विदेशी भाषाओं के बीच चीनी भाषा का उल्लेख नहीं किया है। जिसके बाद भारत में स्थित चीन के दूतावास ने मंगलवार को अपनी प्रतिक्रिया दी है। बता दें कि केंद्रीय कैबिनेट द्वारा जारी की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में चीनी भाषा शामिल नहीं है। इनमें कोरियन, जापानी, थाई, फ्रेंच, जर्मन, स्पैनिश, पुर्तुगीज़ और रशियन को शामिल किया गया है।

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दूतावास की ओर से कहा गया, ‘इन सालों में कंफ्यूशियस संस्थानों ने भारत में चीनी भाषा शिक्षण को बढ़ावा देने और चीन-भारत के लोगों में सांस्कृतिक आदान-प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसे भारतीय शिक्षा समुदाय द्वारा मान्यता मिली हुई है।’

दूतावास ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि भारतीय संबंधित पक्ष कंफ्यूशियस इंस्टीट्यूट्स और चीन-भारत उच्च शिक्षा सहयोग के उद्देश्य के साथ निष्पक्ष तरीके से व्यवहार करेगा। इसके राजनीतिकरण करने से बचेगा और चीन-भारत के लोगों में सांस्कृतिक आदान-प्रदान के स्वस्थ और स्थिर विकास को बनाए रखेगा