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जर्मनी के विदेश मंत्री ने कहा, अगर कोरोनावायरस का बनता है टीका तो पुरी दुनिया के लिए हो इसकी उपलब्धता

हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक ने पिछले सप्ताह रोहतक के परास्नातक चिकित्सा विज्ञान संस्थान में अपने टीके कोवैक्सीन का मानव परीक्षण शुरू कर दिया है।

नई दिल्ली। कोरोनावायरस के प्रकोप को देखते हुे पूरी दुनिया इसके वैक्सीन को तलाश में लगी हुई है। सभी को उम्मीद है कि इसकी वैक्सीन आ जाने से इससे बचा जा सकेगा। इस बीच कोरोना की वैक्सीन तैयार होने पर सब को उपलब्ध हो इसको लेकर जर्मनी के विदेश मंत्री हीको मास ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि कोरोना वायरस के लिए टीका तैयार होने पर यह दुनिया में हर किसी के लिए उपलब्ध होना चाहिए।

corona vaccine

जर्मनी के दौरे पर आयी दक्षिण कोरिया की विदेश मंत्री कांग क्यूंग व्हा से मास ने मुलाकात की और कहा कि वे सहमत हुए हैं कि चुनौतियों का सामना करने के लिए ‘‘दुनिया को और साथ मिलकर काम करने की जरूरत है।’’ कोरोना वायरस को रोकने के लिए दक्षिण कोरिया और जर्मनी के प्रयासों की सराहना हुई है लेकिन मास ने आगाह किया कि ‘महामारी का खतरा अभी बना हुआ है।’ उन्होंने कहा कि टीका बनने के बाद किस तरह इसका वितरण होता है, यह भी एक महत्वपूर्ण विषय होगा। मास ने कहा ‘‘जरूरत है कि यह जल्द उपलब्ध हो और सभी लोगों तक इसे पहुंचाना होगा, ना कि केवल उन लोगों को जो इसका खर्च उठा सकते हैं ।’’

कम से कम सात भारतीय दवा कंपनियां कोरोना वायरस संक्रमण का टीका तैयार करने में जुटी हैं। वैश्विक स्तर पर इस जानलेवा महामारी के प्रसार को रोकने के लिए टीका बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। दुनियाभर में अब तक करोड़ों लोग इस वायरस से संकमित हो चुके हैं। अब तक यह महामारी वैश्विक स्तर पर छह लाख से अधिक लोगों की जान ले चुकी है।

corona vaccine trial

घरेलू फार्मा कंपनियों की बात की जाए, तो भारत बायोटेक, सीरम इंस्टिट्यूट, जायडस कैडिला, पैनेशिया बायोटेक, इंडियन इम्यूनोलॉजिकस, मायनवैक्स और बायोलॉजिकल ई कोविड-19 का टीका तैयार करने का प्रयास कर रही है। हालांकि, कोई टीका या वैक्सीन बनाने के लिए कई साल परीक्षण और उसके बाद उत्पादन के लिए अतिरिक्त समय की जरूरत होती है। लेकिन इस महामारी की वजह से वैज्ञानिक कुछ महीनों में इसका टीका बनाने की उम्मीद कर रहे हैं।

भारत में भी कोरोना के टीको को बनाने को लेकर काम तेजी से चल रहा है। भारत बायोटेक को वैक्सीन ‘कैंडिडेट’ कोवैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण की अनुमति मिली है। इसका विनिर्माण कंपनी के हैदराबाद कारखाने में किया जाएगा। कंपनी ने पिछले सप्ताह मानव क्लिनिकल परीक्षण शुरू किया है। एक अन्य कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया को उम्मीद है कि वह इस साल के अंत तक कोविड-19 का टीका तैयार कर लेगी।

सीरम इंस्टिट्यूट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अदर पूनावाला ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘फिलहाल हम एस्ट्रजेनेका ऑक्सफोर्ड वैक्सीन पर काम कर रहे हैं, जिसका तीसरे चरण का क्लिनिकल परीक्षण चल रहा है। हम अगस्त, 2020 में भारत में मानव परीक्षण शुरू करेंगे। अभी तक क्लिनिकल परीक्षण को लेकर जो सूचना उपलब्ध है उसके आधार पर हमें उम्मीद है कि एस्ट्राजेनेका ऑक्सफोर्ड वैक्सीन इस साल के अंत तक उपलब्ध होगी।’’

corona vaccine

वहीं हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक ने पिछले सप्ताह रोहतक के परास्नातक चिकित्सा विज्ञान संस्थान में अपने टीके कोवैक्सीन का मानव परीक्षण शुरू कर दिया है। भारतीय औषधि नियामक से कंपनी को सार्स-कोव-2 वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण क्लिनिकल परीक्षण की मंजूरी मिली है। कंपनी ने यह टीका भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थन (एनआईवी) के साथ सहयोग से विकसित किया है।