newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

पाकिस्तान को मिला जर्मनी से झटका, एंजेला मर्केल ने पाक सबमरीन्स को AIP देने से किया इनकार

चांसलर मर्केल के नेतृत्व वाले जर्मन फेडरल सिक्योरिटी काउंसिल (German Federal Security Council) ने 6 अगस्त को पाकिस्तान दूतावास (Pakistan Embassy) को अपना फैसला सुना दिया था।

नई दिल्ली। पाकिस्तान दुनिया में अपनी ऐसी छवि बना चुका है कि उसे अब चारों तरफ फजीहत का सामना करना पड़ता है। चीन के अलावा उसकी मदद करने के लिए शायद ही कोई देश तैयार खड़ा दिखाई दे रहा हो। अब जर्मनी की तरफ से भी पाकिस्तान को तगड़ा झटका लगा है। बता दें कि पाक ने जर्मनी से रिक्वेस्ट करते हुए अपनी सबमरीन्स (Submarines) के लिए एयर इंटिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) मांगी थी, जिसे जर्मनी ने खारिज कर दिया है।

imran khan 1

जर्मनी चांसलर एंजेला मर्केल (Angela Merkel), जो कि एक टॉप जर्मन सिक्योरिटी पैनल का नेतृत्व करती हैं, उन्होंने पाक की वो मांग खारिज कर दी, जिसमें पाकिस्तान ने अपनी सबमरीन्स (Submarines) के लिए एयर इंटिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) मांगा था। बता दें कि AIP की मदद से सबमरीन्स हफ्तों तक पानी के नीचे रह सकती हैं। फिलहाल जर्मनी ने पाक की इस मांग को साफ इनकार कर दिया है।

चांसलर मर्केल के नेतृत्व वाले जर्मन फेडरल सिक्योरिटी काउंसिल (German Federal Security Council) ने 6 अगस्त को पाकिस्तान दूतावास (Pakistan Embassy) को अपना फैसला सुना दिया था। पाकिस्तान ने AIP की रिक्वेस्ट की थी, ताकि सबमरीन्स की बैटरी बिना सतह पर आए रिचार्ज कर सके। पाकिस्तान ने अपनी सूची में सबमरीन्स को अपग्रेड और ज्वॉइंट चीन-पाकिस्तान प्रोजेक्ट के तहत चीन में बनने वाली युआन कैटेगरी की सबमरीन्स का प्रस्ताव भी दिया था।

German Chancellor Angela Merkel

AIP सिस्टम से सबमरीन्स की जंगी क्षमता बढ़ जाती है, क्योंकि इससे डीजल इंजन बिना अटमॉस्फीरिक एयर के हफ्तों चल सकते हैं। कंवेंशनल सबमरीन्स को हर दूसरे दिन सतह पर लौटना पड़ता है, जिससे उनके पकड़े जाने का खतरा बना रहता है। रिपोर्ट के अनुसार, एक भारतीय अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार को इस तकनीक में मदद करने से जर्मनी के इनकार से इसकी सुस्ती और भेद्यता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। दिल्ली से पाकिस्तान पर नजर रखने वालों ने कहा कि जर्मनी का सख्त रुख अपनाने का मुख्य कारण पाकिस्तान द्वारा आतंक को बढ़ावा देने में उसकी भूमिका को माना जा रहा है।

submarines

विशेष रूप से 2017 में मई में काबुल में जर्मनी दूतावास पर ट्रक बम हमले के अपराधियों की पहचान करने में सहयोग करने में पाकिस्तान की विफलता साफ देखी गई थी। जर्मनी दूतावास के पास हुए विस्फोट में लगभग 150 लोग मारे गए थे। हाल के वर्षों में सबसे घातक आतंकी हमलों में गिना जाने वाला यह बम हक्कानी नेटवर्क से जुड़ा था, जिसे पाकिस्तान द्वारा समर्थन प्राप्त है।