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Ajab-Gazab News: अगर आ जाए कोई गैर मर्द पसंद तो शादी तोड़कर महिलाएं कर लेती हैं दूसरा विवाह, जानिए क्या है पाकिस्तान के इस समुदाय की ये अजीब परंपरा?

Pakistan: यहां के लोग लकड़ी और मिट्टी से बने छोटे- छोटे घरों में रहते हैं। इस स्थान पर कमाई के अधिकतर काम औरतें ही संभालती हैं। वो न केवल भेड़-बकरियों को चराने के लिए पहाड़ों पर जाती हैं, बल्कि पुरुषों के साथ बैठकर किसी भी त्यौहार या आयोजन पर शराब भी पीती हैं।

नई दिल्ली। दुनिया भर में लोगों का रहन-सहन पहनावा, उनके रीति-रिवाज अलग होते हैं। यही कुछ वजहें हैं जो दुनिया को खूबसूरत बनाती हैं। लेकिन कुछ चीजें ऐसी भी हैं जिन्हें सुनकर आश्चर्य होता है। ऐसा ही एक रिवाज अफगानिस्तान के बॉर्डर पर स्थित पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में प्रचलित है। इसकी ‘चित्राल घाटी’ में बिरीर, बाम्बुराते और रामबुर इलाके में ‘कलाशा’ नामक जनजाति निवास करती है, जिसके रीति-रिवाज और परंपराएं पाकिस्तान और अफगानिस्तान से एकदम अलग हैं। लगभग 4 हजार की आबादी वाली कलाशा जनजाति में महिलाएं इतने आजाद ख्याल की हैं कि उनके बारे जानकर आप हैरत में पड़ जाएंगे। पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों में शामिल कलाशा जनजाति की किसी भी महिला को अगर कोई गैर मर्द पसंद आ जाता है, तो वो अपनी पहली शादी को तोड़कर उस पुरुष से शादी कर लेती हैं। जिस स्थान पर ये समुदाय रहता है वो इलाका हिंदू कुश पहाड़ों से घिरा हुआ है। कहा जाता है कि हिंदू कुश श्रृंखलाओं से घिरा होने के कारण उनकी सभ्यता सुरक्षित है। हिंदू कुश पर्वत का जिक्र इतिहास में भी किया जाता है। इस क्षेत्र में सिकंदर ने जीत हासिल की थी, जिसके बाद से इसे ‘कौकासोश इन्दिकौश’ के नाम से जाना गया था। यूनानी भाषा में इसका अर्थ ‘हिंदुस्तानी पर्वत’ होता है, इसलिए इस समुदाय के लोगों को सिकंदर का वंशज भी कहा जाता है। यहां के लोग लकड़ी और मिट्टी से बने छोटे- छोटे घरों में रहते हैं। इस स्थान पर कमाई के अधिकतर काम औरतें ही संभालती हैं। वो न केवल भेड़-बकरियों को चराने के लिए पहाड़ों पर जाती हैं, बल्कि पुरुषों के साथ बैठकर किसी भी त्यौहार या आयोजन पर शराब भी पीती हैं।

इस समुदाय की महिलाओं को सजने-संवरने का बहुत शौक होता है, इसलिए अपने हाथों से बनी पत्थर की रंगीन मालाएं और सिर पर खास किस्म की टोपी पहनती हैं। ये लोग संगीत प्रेमी भी होते हैं। अपने त्यौहारों में ये बांसुरी और ड्रम बजाकर नाचते-गाते हैं। इन्हें पाकिस्तान के बहुसंख्यकों का डर सताता रहता है, उनसे बचाव करने के लिए ये लोग अपने पारंपरिक अस्त्रों का उपयोग करते हैं। कुछ लोगों के पास अत्याधुनिक बंदूकें भी मिलती हैं। Camos, Joshi और Uchaw समुदाय के मुख्य त्यौहार हैं। दिसंबर के महीने में मनाए जाने वाले Camos के त्यौहार पर यहां की महिलाएं और लड़कियां अपने लिए मर्दों की तलाश करती हैं। यह त्यौहार अविवाहित लड़कियों के लिए तो खास होता ही हैं। अगर विवाहित महिलाओं को कोई दूसरा मर्द पसंद आ जाता है तो वो अपनी पहली शादी को तोड़कर उसके साथ रहने चली जाती हैं।

मौत के बाद की एक परंपरा तो बहुत हैरान करने वाली है। यहां के लोग किसी की मौत पर रोने की जगह खुशी मनाते हैं। अंतिम संस्कार के दौरान ये लोग नाचते-गाते और शराब पीते हुए जश्न मनाते हैं। यहां के लोगों का मानना है कि धरती पर आने वाले सभी लोग ऊपरवाले की मर्जी से आते हैं, मरने के बाद दोबारा उसी के पास लौटकर चले जाते हैं।