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Pakistan: पाक के पूर्व पीएम इमरान खान का जेल जाना तय, आतंक विरोधी कानून में केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने घेरा घर

पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की गिरफ्तारी तय लग रही है। इमरान पर आतंकवाद विरोधी एक्ट की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। आरोप है कि इमरान ने एक महिला जज समेत कुछ लोगों को अपनी रैली के दौरान धमकी दी।

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की गिरफ्तारी तय लग रही है। इमरान पर आतंकवाद विरोधी एक्ट की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। आरोप है कि इमरान ने एक महिला जज समेत कुछ लोगों को अपनी रैली के दौरान धमकी दी। केस दर्ज होने के बाद इस्लामाबाद में पुलिस ने इमरान खान के घर और उसकी तरफ जाने वाली सड़क पर सुरक्षा कड़ी की है। एआरवाई न्यूज के मुताबिक रावल झील के पास बानी गाला में इमरान का घर है। कुछ पाकिस्तानी मीडिया में खबर ये भी थी कि इमरान खान केस दर्ज होने के बाद लापता हो गए हैं। जबकि, इमरान खान ने बयान जारी कर कहा है कि वो घर पर ही हैं और नवाज शरीफ की तरह पाकिस्तान से भागने वाले नहीं हैं।

pti imran khan

पाकिस्तान में मीडिया नियामक प्राधिकरण PEMRA ने इमरान खान के लाइव भाषण के प्रसारण पर भी रोक लगा दी है। पेमरा ने कहा है कि इमरान खान का भाषण प्रसारण नियमों का खुला उल्लंघन है। उनका भाषण पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 19 के भी खिलाफ है। पेमरा ने कहा है कि इमरान के भाषण को रिकॉर्ड कर उसे ठीक से देखने और एडिट करने के बाद ही प्रसारित किया जाए। दरअसल, इमरान खान ने जेल में कैद अपने करीबी नेता शाहबाज गिल के समर्थन में रैली की थी। गिल को एक निजी टीवी चैनल पर देश के खिलाफ दुष्प्रचार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इमरान ने अपनी रैली में कहा था कि अगर गिल पर केस दर्ज हो सकता है, तो फजलुर रहमान, राणा सनाउल्लाह और नवाज शरीफ को भी कोर्ट का सामना करना चाहिए।

shehbaz sharif and imran khan

इमरान खान ने ये भी कहा था कि गिल के साथ जो हुआ, वो बदले की सियासत की वजह से किया गया। इमरान खान ने अपनी रैली में ये भी कहा था कि पाकिस्तान में सेनाध्यक्ष की नियुक्ति भी दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से की जा रही है। देश में सबकुछ एक नियुक्ति के लिए हो रहा है। उन्होंने ये भी कहा था कि सेना प्रमुख की नियुक्ति योग्यता के आधार पर की जानी चाहिए। बता दें कि इससे पहले सेना ने ही इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के दौरान अपने हाथ खींच लिए थे। जबकि, इमरान को भरोसा था कि पाकिस्तानी फौज उनकी सत्ता बचा लेगी।