नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सेना को लेकर अपन तेवर सख्त दिखाते हुए कहा कि, अगर उनसे प्रधानमंत्री पद से हटने के लिए सेना प्रमुख ने दबाव डाला होता तो वह उनसे इस्तीफा मांग लेते। इमरान खान ने आगे कहा कि, अगर कोई आर्मी चीफ बिना मुझसे पूछे करगिल पर हमला करता तो मैं उसे समन करता और उससे तत्काल इस्तीफा ले लेता। इमरान खान ने कहा कि, वो एक लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए प्रधानमंत्री हैं, ऐसे में मुझसे कोई इस तरह से कैसे कह सकता है। उन्होंने कहा कि, मैं लोकतांत्रिक तरीके से चुना गया प्रधानमंत्री हूं, मुझसे ऐसा कहने की हिम्मत किसमें हो सकती है। इमरान खान ने कहा कि जब पूर्व सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ श्रीलंका का दौरा कर रहे थे तो नवाज शरीफ ने खुद ही उन्हें हटाने की कोशिश की थी। पाक की मौजूदा सरकार और सेना के बीच संबंधों पर पाक पीएम इमरान खान ने कहा कि, पाकिस्तान में हमेशा से सरकार और सेना के बीच कोई ना कोई समस्या रही है।
हालांकि इमरान ने सवाल किया कि अगर अतीत में किसी सेना प्रमुख ने कोई गलती की है तो क्या संस्था को भी हमेशा के लिए खराब मान लिया जाएगा। क्या जस्टिस मुनीर ने गलत फैसला लिया तो क्या हमेशा के लिए न्यायपालिका को ही दोषपूर्ण करार दे दिया जाएगा। इमरान ने ये भी कहा कि अगर कुछ राजनेता पैसा चोरी करते हैं और विदेशों में जमा करते हैं तो सभी राजनेताओं को भी बुरा नहीं कहा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जो पीछे हुआ है, उससे सिर्फ सीखा जा सकता है। अतीत सीखने के लिए होता है। मेरी सरकार ने उससे सीख ली है, कि सेना का काम देश चलाना नहीं है। अगर लोकतंत्र देश को नुकसान पहुंचा रहा है तो इसका मतलब ये नहीं है कि इसे सैन्य शासन में तब्दील कर दिया जाए। बता दें कि पाकिस्तान में हमेशा से सेना का दबदबा रहा है, माना जाता है कि पाक में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार पर कंट्रोल सेना का ही होता है।ॉ
इंटरव्यू के दौरान इमरान खान ने पूर्व नवाज शरीफ की आलोचना करते हुए कहा कि, नवाज शरीफ कभी लोकतांत्रिक थे ही नहीं। नवाज शरीफ को पहले जनरल जिलानी ने आगे बढ़ाया और उसके बाद जनरल जिया ने। इमरान ने कहा, वैश्विक स्तर की पाकिस्तानी एजेंसियों ने हमेशा नवाज पर अविश्वास जताया।
वहीं विपक्षी दलों द्वारा इस्तीफा मांगे जाने पर इमरान खान ने कहा कि, मैं विपक्षी दलों की मांग पर इस्तीफा नहीं दूंगा क्योंकि मैं 17 मिलियन लोगों की ओर से चुने गए हैं। उन्होंने कहा, मैंने पांचों नेशनल एसेंबली सीट के चुनाव जीते हैं तो मैं ऐसे चोरों की डिमांड पर इस्तीफा क्यों दूंगा। विपक्षी दलों ने चेतावनी दी है क वह एसेंबली में इमरान सरकार को गिराने के लिए अपने सदस्यों से इस्तीफा दिलवा देंग हालांकि, इमरान खान ने इस चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया है।