Pakistan: इमरान खान को गच्चा दे गए उनके अपने ही मंत्री, खतरे में आ गई वजीर-ए-आजम की कुर्सी  

Imran Khan : अगर MQMP की बात करें, तो पार्टी अभी संशय की स्थिति में नजर आ रही है। पार्टी नेताओं के रूख से साफ जाहिर हो रहा है कि वे न तो इमरान खान का समर्थन देने की स्थिति में है और विपक्षी दलों का साथ निभाने की मुद्रा में है। ऐसे में माना जा रहा है कि वे संसद में पेश होने जा रहे अविश्वास प्रस्ताव के दौरान दूरी ही बनाए रख सकती है।

सचिन कुमार Written by: March 28, 2022 4:31 pm
imran khan

नई दिल्ली। अभी तक आपने अखाबरों की सुर्खियों और टीवी चैनलों पर चल रहे खबरों में इमरान खान को बतौर पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम के रूप में ही देखा होगा, लेकिन अब वहां के मौजूदा हालातों को देखकर लगता नहीं कि इमरान ज्यादा दिनों तक इस कुर्सी पर काबिज रहने वाले हैं। उनकी कुर्सी अब आखिरी सांसें गिनने में मसरूफ हो चुकी है। कभी-भी उन्हें प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है। अपनी सरकार बचाने की सारी कोशिशें इमरान खान की नाकाम होती नजर आ रही हैं। बता दें कि 24 सांसदों ने इमरान खान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जिसे देखते हुए माना जा रहा है कि ज्यादा दिनों तक वे प्रधानमंत्री की कुर्सी पर विराजमान रहने वाले नहीं हैं। चलिए, आपको पूरा माजरा जरा तफसील से बताते हैं।

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दरअसल, विगत दिनों इमरान खान के खिलाफ संसद में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया था। आगामी 4 अप्रैल को उक्त प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है और आज यानी की सोमवार को पाकिस्तान में संसद का सत्र शुरू हो चुका है। इस दौरान इमरान अपनी हुकूमत को महफूज रखने की कोशिश तो पूरी कर रहे हैं, लेकिन अफसोस पाकिस्तान के हालिया हालात को देखकर ऐसा लगता नहीं है कि वो ज्यादा दिनों तक इस कुर्सी पर विराजमान रहने वाले हैं, क्योंकि इमरान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ की सहयोगी पार्टियां MQMP, PMLQ और जम्हूरी वतन पार्टी ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इन दलों के नेताओं ने तो साफ कह दिया है कि फ्लोर टेस्ट के दौरान वे विपक्षी दलों के खेमे में जा सकते हैं। उधर, जमूरी वतन पार्टी के नेता शाहजैन बुगती ने इमरान कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। उनका कहना है कि इमरान सरकार बलूच में शांति स्थापित करने में नाकाम रही है। उनका कहना है कि इमरान सरकार ने अपने देश के विकास के लिए  आज तक कुछ नहीं किया है। आज देश में बेरोजगारी अपने चरम पर है। शांति-व्यवस्था चरमराई हुई है। ऐसी स्थिति में वे अब ज्यादा दिनों तक इमरान खान का साथ निभाने की स्थिति में नहीं हैं, लिहाजा  इन्होंने इस्तीफे का ऐलान कर दिया है।

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उधर, अगर MQMP की बात करें, तो पार्टी अभी संशय की स्थिति में नजर आ रही है। पार्टी नेताओं के रूख से साफ जाहिर हो रहा है कि वे न तो इमरान खान का समर्थन देने की स्थिति में हैं और विपक्षी दलों का साथ निभाने की मुद्रा में है। ऐसे में माना जा रहा है कि वे संसद में पेश होने जा रहे अविश्वास प्रस्ताव के दौरान दूरी ही बनाए रख सकती है। बता दें कि एमएक्यूएमपी इमरान सरकार की सहयोगी दल है। ऐसे में अगर यह पार्टी  इमरान का साथ छोड़ देती है, तो पाकिस्तनी प्रधानमंत्री के लिए अपनी कुर्सी बचा पाना मुश्किल हो सकता है। उधर, MQMP में बैठकों का सिलसिला जारी है। शायद इस बात को लेकर चिंतन-मंथन का सिलसिला जारी है कि आखिर इमरान का साथ देना चाहिए या नहीं। लेकिन  एक बात तो साफ है कि पार्टी की हालिया रूख को देखकर ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगता है कि वो प्रधानमंत्री का साथ निभाने की स्थिति में हैं।

उधर,  PMLQ के नेता तारीक बसीर ने कहा कि हमने हर स्थिति में इमरान खान का साथ निभाया था, लेकिन अफसोस आज तक उनकी तरफ से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। हमने इमरान को सपोर्ट के लिए बहुत कुछ किया है। हर परिस्थितियों में उनका साथ दिया है, लेकिन बदले में उनकी तरफ से हमारी पार्टी को कुछ  नहीं मिला। हालांकि, कई बार उनकी तरफ से हमें यह विश्वास दिलाया  गया कि हमारी बेहतरी के लिए काम किए जाएंगे। हमसे कहा गया कि  दोनों ही दल मिलकर पाकिस्तान की तरक्की के लिए काम करेंगे। लेकिन अब PMLQ की हालिया रुख को देखकर ऐसा लग रहा है कि अविश्वास प्रस्ताव के दौरन विपक्षी खेमे में शामिल हो सकती है।

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जानिए पाकिस्तान का राजनीतिक समीकरण

बता दें कि पाकिस्तान में कुल सीटें 342 हैं। वहां किसी भी दल को सरकार बनाने  के लिए 172 सीटों की दरकार है। मौजूदा वक्त में इमरान खान की पार्टी तरहीक-ए-इंसाफ के 155 सांसद हैं। वर्तमान में तहरीक-ए-इंसाफ को MQM के 7 सांसदों, PML के 5 सांसदों का समर्थन प्राप्त है, तो वहीं ग्रैंड डेमोक्रेटिक अलायंस के 3 सांसद साथ इमरान खान की पार्टी को मिला हुआ है। तो इस तरह जोड़-तोड़ करके इमरान खान अपनी सरकार बनाने में सफल रहे हैं, लेकिन बीते दिनों  जिस तरह विपक्षी दल इमरान के खिलाफ संसद में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं, उसके बाद उनके  कई सहयोगी दलों ने उनका साथ न देने का ऐलान कर दिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि इमरान खान को कभी –भी पाकिस्तानी पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है। लेकिन अब ऐसी स्थिति में यह पूरा माजरा आगे चलकर क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।