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Pakistan: जनरल बाजवा को निपटाने में खुद निपटे इमरान खान, पार्टी के सांसद ने ही Video में खोली पोल

पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। कोर्ट ने खुद ही संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू की है कि नेशनल असेंबली में पेश अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग क्यों नहीं कराई गई। वहीं, अब लियाकत का वीडियो आने के बाद पाकिस्तानी सेना और इमरान के बीच तल्खी और बढ़ने के आसार हैं।

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पीएम रहे इमरान खान और सेना के बीच रिश्ते बिगड़ने की वजह आखिरकार सामने आ गई है। इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ यानी PTI के ही एक नेता और सांसद आमिर लियाकत हुसैन ने वीडियो जारी कर दावा किया है कि इमरान खान ने सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को हटाने की कोशिश की और यही कदम भारी पड़ गया। नतीजे में बाजवा को निपटाने में लगे इमरान खान खुद निपट गए। ट्विटर पर इस बारे में लियाकत ने वीडियो जारी कर ये दावा किया है। उन्होंने अपने वीडियो में कहा है कि तुमने जनरल बाजवा को हटाने की कोशिश की। मैं गवाही देता हूं कि तुमने मुझे बुलाकर बात की थी कि मैं जनरल बाजवा का हटाने वाला हूं। बहुत बड़ी बात कह रहा हूं मैं, और भी बहुत कुछ जानता हूं। अगर बोल दिया तो कयामत आ जाएगी।

लियाकत ने आगे कहा कि तुमने सेना में बगावत करने की कोशिश की। तुमने कोर कमांडर को लाकर जनरल बाजवा को हटाने की कोशिश की। आर्मी चीफ को हटाने की कोशिश की। कर लो कोशिश। तुम्हारा बाप भी नहीं हटा सकता। वीडियो में लियाकत आगे कहते दिखते हैं कि खान साहब, मैं तुम्हें एक बात कहना चाहता हूं। हममें से कोई गद्दार नहीं है। तुमने हमें गद्दार करार दे दिया। मुझे भी, जबकि मैं वोटिंग के दिन वहां मौजूद ही नहीं था। मैं बीमार था। जब मैं पहुंचा तो दरवाजे बंद हो चुके थे। लेकिन अब मैं कहूंगा। लियाकत ने इमरान खान के उस लेटर को भी फर्जी बताया, जिसका हवाला देकर उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार हटाने की चाहत अमेरिका रखता है।

imran khan

इस बीच, पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। कोर्ट ने खुद ही संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू की है कि नेशनल असेंबली में पेश अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग क्यों नहीं कराई गई। वहीं, अब लियाकत का वीडियो आने के बाद पाकिस्तानी सेना और इमरान के बीच तल्खी और बढ़ने के आसार हैं। बता दें कि जनरल बाजवा ने बीते दिनों इमरान के दावे के उलट बयान दिया था कि अमेरिका काफी पुराना दोस्त है और उसने पाकिस्तान की कई बार मदद की है। पाकिस्तान में हालात ये रहे हैं कि सरकार भले ही किसी की रही हो, लेकिन सरकार हमेशा सेना के कंट्रोल में रही है।