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Farmers Protest: ब्रिटिश संसद में किसान आंदोलन पर हुई चर्चा, तो भड़का भारत, दिया दो टूक जवाब

Farmers Protest: भारत ने ब्रिटेन की संसद में किसान आंदोलन पर हुई चर्चा को लेकर कड़ा ऐतराज जताया है। लंदन में भारतीय उच्चायोग ने इस मुद्दे पर चर्चा की कड़ी आलोचना की है। भारत ने दो टूक जवाब देते हुए कहा कि संसद में चर्चा के दौरान एकतरफा और झूठे तथ्य रखे गए।

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध में किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) लगातार जारी है। दिल्ली बार्डर पर किसानों के आंदोलन को 100 दिन से अधिक समय हो चुका है। किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीनों कृषि कानूनों को सरकार वापस ले। वहीं भारत में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार चर्चा हो रही है। बता दें कि गायिका रिहाना, पोर्न स्टार मिया खलीफा, स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग समेत कई विदेशी हस्तियों ने भारत में चल रहे किसान आंदोलन पर अपनी राय रखी थी। अब इसी कड़ी में ब्रिटेन का नाम शामिल हो गया है। दरअसल 8 मार्च को किसान आंदोलन को लेकर ब्रिटेन की संसद में चर्चा हुई। वहीं भारत ने ब्रिटेन की संसद में किसान आंदोलन पर हुई चर्चा को लेकर कड़ा ऐतराज जताया है। लंदन में भारतीय उच्चायोग ने इस मुद्दे पर चर्चा की कड़ी आलोचना की है। भारत ने दो टूक जवाब देते हुए कहा कि संसद में चर्चा के दौरान एकतरफा और झूठे तथ्य रखे गए।

Britain Parliament

बता दें कि किसान आंदोलन पर ब्रिटेन की संसद में एक पेटिशन पर लाखों साइन हुए। जिसके बाद इस मुद्दे पर 8 मार्च को संसद में चर्चा हुई। वहीं भारतीय उच्चायोग ने बयान जारी करके कहा कि ब्रिटेन की संसद में जो बहस हुई, वह बिना तथ्यों के की गई। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है, ऐसे में भारत के आंतरिक मुद्दे पर चर्चा करना निंदनीय है।

हालांकि ब्रिटिश सरकार में मंत्री नाइजल एडम्स का कहना है कि कृषि सुधार भारत का आंतरिक मुद्दा है। एडम्स ने भारत-ब्रिटेन की दोस्ती काफी पुरानी है। दोनों ही देश आपसी सहयोग से द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं।

 

farmer protest

गौरतलब है कि केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब, हरियाणा और यूपी समेत कई राज्यों के किसान आंदोलन पर बैठे हैं। किसानों की मांग है कि सरकार इन कानूनों को वापस ले। वहीं सरकार भी कानून वापस नहीं लेने पर अड़ी हुई है।