नई दिल्ली। जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग के 43 वें सेशन में न केवल पाकिस्तान को बल्कि इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी को भारत ने जमकर लताड़ लगाई है। भारत का पक्ष रखते हुए विदेश मंत्रालय के प्रथम सचिव विमर्श आर्यन ने कहा कि मानवधिकारों को सबसे बड़ा खतरा अगर है तो वो पाकिस्तान से है जहां आतंकी जमातों को पालापोसा जा रहा है। सबसे बड़ी बात है कि वहा की सबसे टॉप लीडरशिप खुले तौर पर स्वीकार भी कर चुकी है।
UNHRC की बैठक में पाक को नसीहत
विमर्श आर्यन ने कहा कि पाकिस्तानी पक्ष मानवाधिकार के मुद्दे पर दुनिया को गुमराह कर रहा है। हकीकत तो यह है पाकिस्तान के ज्यादातर हिस्सों में बंदूकों और गोलियों के दम पर दमन चक्र चालू है और उससे पाकिस्तान कैसे अनदेखी कर सकता है। वो कहते हैं कि इस काउंसिल की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है कि वो दुनिया में मानवाधिकारों की हिफाजत करे। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि हम पाकिस्तानी पक्ष से क्या सुन रहे हैं। पाकिस्तान इस सम्मानित फोरम का बेजा इस्तेमाल कर रहा है।
विमर्श आर्यन ने कहा जहां तक कश्मीर का संबंध है तो वो भारत का अटूट हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा पाकिस्तान इस बात को समझ लेना चाहिए। जहां तक ओआईसी की बात है उनकी कोई भूमिका नहीं है और भारत के आंतरिक मामलों में बोलने से बाज आना चाहिए। भारत का स्पष्ट मत है कि जम्मू-कश्मीर कभी विवादित क्षेत्र नहीं था। भारत सरकार को भारत के किसी भी भूभाग पर फैसला करने का अधिकार है। लिहाजा किसी तीसरे देश के बोलने का कोई मतलब नहीं बनता है।
#WATCH Vimarsh Aryan, First Secretary, Ministry of External Affairs, exercises India’s Right of Reply (RoR) in response to Pakistan at the 43rd Session of the United Nations Human Rights Council (UNHRC) underway in Geneva, Switzerland. pic.twitter.com/DfxDxdSfdg
— ANI (@ANI) March 4, 2020