नई दिल्ली। पाकिस्तान (Pakistan), टर्की (Turkey) और इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने ओछी हरकत की है। दरअसल कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान, टर्की और आईओसी ने एक बार फिर भारत को घेरने की कोशिश की है। जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार परिषद के 45वें सत्र में पाकिस्तान, तुर्की और ओआईसी ने भारत के आंतरिक मुद्दे पर टिप्पणी की और मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाया। जिसके बाद जेनेवा में भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव पवन बाथे ने इन तीनों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए जमकर खरी खोटी सुनाई।
भारत को बदनाम करने की कोशिश कर रहा पाक
संयुक्त राष्ट्र की बैठक में जम्मू-कश्मीर के हालात को लेकर हुई आलोचना को भारत ने सिरे से खारिज कर दिया है। भारत ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र बहाल करने और आर्थिक विकास की प्रक्रिया तेज हुई है जबकि पाकिस्तान ने इस प्रक्रिया में तमाम बाधाएं पहुंचाने की कोशिशें कीं। भारत ने कहा कि पाकिस्तान की ये आदत पड़ गई है कि वह मनगढंत और झूठे आरोप लगाकर भारत को बदनाम करता है।
भारत और अन्य देशों को मानवाधिकारों पर एक ऐसे देश से लेक्चर की जरूरत नहीं है जिसने अपने यहां धार्मिक और नस्लीय अल्पसंख्यक समूहों को लगातार प्रताड़ित करता है और आतंकवाद का केंद्र हो। भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि पाकिस्तान के बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा और सिंध में लोगों की बदतर हालत उसकी पोल खोलती है। एक भी दिन ऐसा नहीं जाता है जब बलूचिस्तान में किसी परिवार का कोई सदस्य गायब ना होता हो।
भारत ने कहा, पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र से प्रतिबंधित लोगों को पेंशन देता है और उनके प्रधानमंत्री गर्व से इस बात को स्वीकार करते हैं कि जम्मू-कश्मीर में लड़ने के लिए हजारों की संख्या में आतंकवादी उनके देश में प्रशिक्षण लेते हैं।
भारतीय प्रतिनिधि ने अपने जवाब में कहा कि ये हैरान करने वाला नहीं है कि कई वैश्विक संस्थाएं पाकिस्तान के आतंकवाद के वित्तपोषण रोकने में नाकाम रहने को लेकर चिंतित हैं। भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि पाकिस्तान में धार्मिक और नस्ली अल्पसंख्यक समूहों के लिए कोई भविष्य नहीं बचा है। व्यवस्थित तरीके से अल्पसंख्यकों की प्रताड़ना, ईशनिंदा कानून, जबरन धर्मांतरण, हत्याएं, साप्रदायिक हिंसा और भेदभाव की वजह से पाकिस्तान में अल्पसंख्यक बिल्कुल सुरक्षित नहीं हैं। पाकिस्तान में हजारों सिख, हिंदू और ईसाई महिलाओं का अपहरण करके शादी कराई जा रही है और उनका जबरन धर्मांतरण किया जा रहा है।
भारत ने इस्लामिक सहयोग संगठन के जम्मू-कश्मीर को लेकर दिए गए बयान पर आपत्ति जताई। भारत ने कहा कि ओआईसी को भारत के आंतरिक मुद्दे पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। ओआईसी पाकिस्तान के हाथों अपना गलत इस्तेमाल होने दे रहा है। ओआईसी के सदस्यों को ये तय करना चाहिए कि पाकिस्तान के एजेंडे के लिए अपने दुरुपयोग की अनुमति देना उनके हित में है या नहीं।
India ?? in Geneva #HRC45
Statement delivered by Amb. Indramani Pandey during the General Debate on Oral Update by the High Commissioner of Human Rights|
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— India at UN, Geneva (@IndiaUNGeneva) September 15, 2020
भारत ने तुर्की को भी कश्मीर पर टिप्पणी करने के लिए सीधी चेतावनी दी। भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि मैं फिर से तुर्की को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने से परहेज करने की सलाह देता हूं।