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13 मई को इजराइल के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे नेतन्याहू, सुप्रीम कोर्ट से मिला आदेश

इजराइल के सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री बेंजामीन नेतन्याहू को अयोग्य घोषित करने की मांग वाली याचिका खारिज करके उन्हें सरकार बनाने की इजाजत दे दी है।

जेरुसलम। दुनिया का एक ऐसा देश जो अपनी एडवांस तकनीकों के लिए विख्यात है। एक ऐसा देश जिसकी आबादी सिर्फ 90 लाख के करीब है मगर फिर भी वो अच्छे अच्छे देशों के दांत खट्टे कर सकता है। ऐसा देश जो चारों तरफ से दुश्मनों से घिरा हुआ है मगर जिसकी छोटी सी सेना हर दुश्मन को पलक झकपते ही नेस्तनाबूद कर देती है। हम बात कर रहे हैं इजरायल की।

Israel Flag

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन का भी देश को इतना शक्तिशाली बनाने में अहम हाथ है। अब इजराइल के सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री बेंजामीन नेतन्याहू को अयोग्य घोषित करने की मांग वाली याचिका खारिज करके उन्हें सरकार बनाने की इजाजत दे दी है। इस याचिका में नेतन्याहू पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था।नेतन्याहू लगातार चौथी बार प्रधानमंत्री बनेंगे। इससे पहले जून 1996 में वे एक बार और प्रधानमंत्री बन चुके हैं। इस बार उनके सत्ता संभालने का विपक्षी पार्टियां लगातार विरोध कर रही थीं।

benjamin netanyahu

चुनाव में जीत नहीं मिली थी

मार्च में हुए संसदीय चुनाव में नेतन्याहू तीन सीटों पर बहुमत हासिल करने से चूक गए थे। दूसरी तरफ देश की दो प्रमुख पार्टियों को गठबंधन सरकार बनाने के लिए पर्याप्त वोट नहीं मिले थे। नेतन्याहू की लिकुड पार्टी को 36 सीटें और उसकी (लिकुड पार्टी) अगुआई वाले राइट विंग को 58 सीटें मिली थीं। पूर्व सेना प्रमुख बेनी गांत्ज की ब्लू एंड व्हाइट पार्टी को 33 सीटें और उसकी (ब्लू एंड व्हाइट) अगुआई वाले वामपंथी गुट को 55 सीटें मिली थीं। 120 सीट वाली इजराइल की संसद में बहुमत के लिए 61 सीटों की जरूरत होती है। इसके बाद भी दोनों गठबंधन सरकार बनाने के प्रयास में जुटे थे।

भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसे हैं नेतन्याहू

70 साल के नेतन्याहू इजराइल के सबसे लंबे समय तक रहने वाले प्रधानमंत्री हैं। वे चार कार्यकाल में 14 साल प्रधानमंत्री रहे हैं। उनके खिलाफ 17 मार्च से भ्रष्टाचार का मुकदमा शुरू हो रहा है। उन पर धोखाधड़ी, रिश्वत लेने और विश्वासघात के आरोप हैं। अगर वे सरकार बनाते हैं तो इजराइल के इतिहास में वे पहले ऐसे प्रधानमंत्री होंगे, जो भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सरकार बनाने में कामयाब हुए। वहीं, 60 साल के गांत्ज ने अपना राजनितिक करियर दिसंबर 2018 में शुरू किया था। इससे पहले वे 2011-15 के बीच इजराइल की मिलिट्री के चीफ रहे थे।